लोक पर कवितावां

सबदकोसां में लोक रौ

अरथ घणै अरथां में लेईज्यौ है। कठैई इणरौ अरथ 'प्रजा' मानीज्यौ है तो कठैई 'मानखै' रै अरथ में इणनै लीरीज्यौ है। अठै प्रस्तुत रचनावां लोक सबद रै आखती-पाखती रचियोड़ी है।

कविता293

प्रेम री परिभाषा

सत्येन्द्र सिंह चारण झोरड़ा

प्रेम री परिभाषा

सत्येन्द्र सिंह चारण झोरड़ा

सुभाव

अंजु कल्याणवत

सुभाव

अंजु कल्याणवत

स्वाद

आईदान सिंह भाटी

स्वाद

आईदान सिंह भाटी

टावर

देवीलाल महिया

टावर

देवीलाल महिया

चेतै आयगी मां

आशीष पुरोहित

चेतै आयगी मां

आशीष पुरोहित

रंग विहूणौ

महेंद्रसिंह छायण

रंग विहूणौ

महेंद्रसिंह छायण

पगडांडियां

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

पगडांडियां

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

सबदां री हद रै मांय

आईदान सिंह भाटी

सबदां री हद रै मांय

आईदान सिंह भाटी

घोचो

प्रवीण सुथार

घोचो

प्रवीण सुथार

जठै देखलां भरी परात

आईदान सिंह भाटी

जठै देखलां भरी परात

आईदान सिंह भाटी

जिंदगी

उषा राजश्री राठौड़

जिंदगी

उषा राजश्री राठौड़

काको पीवे हो अतरी दारू

उषा राजश्री राठौड़

काको पीवे हो अतरी दारू

उषा राजश्री राठौड़

प्रणधारी पाबू

महेंद्रसिंह छायण

प्रणधारी पाबू

महेंद्रसिंह छायण

लुगाई

उषा राजश्री राठौड़

लुगाई

उषा राजश्री राठौड़

करसाण

शिव 'मृदुल'

करसाण

शिव 'मृदुल'

म्हनै लिखणौ नीं आवै

पवन सिहाग 'अनाम'

म्हनै लिखणौ नीं आवै

पवन सिहाग 'अनाम'

ओ गांव है

रामस्वरूप किसान

ओ गांव है

रामस्वरूप किसान

आटा की चालणी

उषा राजश्री राठौड़

आटा की चालणी

उषा राजश्री राठौड़

थारी अर म्हारी बात

आईदान सिंह भाटी

थारी अर म्हारी बात

आईदान सिंह भाटी

अेक रोटी

विजय राही

अेक रोटी

विजय राही

म्हूँ जनता हूँ

भगवती लाल व्यास

म्हूँ जनता हूँ

भगवती लाल व्यास

जे म्हैं आदमी होऊँ

विमला महरिया 'मौज'

जे म्हैं आदमी होऊँ

विमला महरिया 'मौज'

गाम

यतीन्द्र पूनियां

गाम

यतीन्द्र पूनियां

सांझ-सुंदरी

महेंद्रसिंह छायण

सांझ-सुंदरी

महेंद्रसिंह छायण

पिरोळ में कुत्ती ब्याई

अन्नाराम ‘सुदामा'

पिरोळ में कुत्ती ब्याई

अन्नाराम ‘सुदामा'