लोक पर कहाणियां

सबदकोसां में लोक रौ

अरथ घणै अरथां में लेईज्यौ है। कठैई इणरौ अरथ 'प्रजा' मानीज्यौ है तो कठैई 'मानखै' रै अरथ में इणनै लीरीज्यौ है। अठै प्रस्तुत रचनावां लोक सबद रै आखती-पाखती रचियोड़ी है।

कहाणी22

भांबी आळी भैंस

विजयदान देथा

चौधरण री चतराई

विजयदान देथा

छोटी-सी’क चादरड़ी

मेहरचंद धामू

ठाकर रौ आसण

विजयदान देथा

हरड़-भुसंदा हौ

विजयदान देथा

गादेल रौ परताप

विजयदान देथा

बंधण

मीठेश निर्मोही

घोटौ अर पीवौ

विजयदान देथा

निगैदास्ती

विजयदान देथा

ढोली री घोड़ी

विजयदान देथा

गाभाचोर

भरत ओला

बजंटी

शान्ति भारद्वाज

सपनौ आधौ साचौ

विजयदान देथा

साधू री कमाई

विजयदान देथा

बोली-बोली रौ फरक

विजयदान देथा

मौका री उपज

विजयदान देथा

बारहठजी वाळी आंगळी

विजयदान देथा