लोक पर कहाणियां

सबदकोसां में लोक रौ

अरथ घणै अरथां में लेईज्यौ है। कठैई इणरौ अरथ 'प्रजा' मानीज्यौ है तो कठैई 'मानखै' रै अरथ में इणनै लीरीज्यौ है। अठै प्रस्तुत रचनावां लोक सबद रै आखती-पाखती रचियोड़ी है।

कहाणी4

छोटी-सी’क चादरड़ी

मेहरचंद धामू

बंधण

मीठेश निर्मोही

गाभाचोर

भरत ओला

बजंटी

शान्ति भारद्वाज