द्रोपदी विनय पर सोरठा

सोरठा62

सासू मंत्र ज साज

रामनाथ कविया

लेतां तिरिया लाज

रामनाथ कविया

धरती पड़्यो ढिंगास

रामनाथ कविया

लौ या बिरियां लाख

रामनाथ कविया

सुरभी दीनो स्राप

रामनाथ कविया

रूठ असी दै रेस

रामनाथ कविया

भव तूं जाणै भेव

रामनाथ कविया

पंडव जणिया पाँच

रामनाथ कविया

चित में कीजे चेत

रामनाथ कविया

दुसटां रचियौ दाव

रामनाथ कविया

दोख्यां लाग्यौ दाव

रामनाथ कविया

है तूं बाकी हेक

रामनाथ कविया

निलजी कैरव नार

रामनाथ कविया

पंच महा बरवीर

रामनाथ कविया

तन मो तिल तेतोह

रामनाथ कविया

अब छोगाळा ऊठ

रामनाथ कविया

मिटसी सह मतिमंद

रामनाथ कविया

होसी जग में हास

रामनाथ कविया

लाखा ग्रह री लाय

रामनाथ कविया

लड़कापण प्रहलाद

रामनाथ कविया

रळियौ जळ सुरराज

रामनाथ कविया

तैं अहल्या तारीह

रामनाथ कविया

सासू आरियौ साल

रामनाथ कविया

रजस्वला नारीह

रामनाथ कविया

जाण किसी अणजाण

रामनाथ कविया

धीगां देवै ध्यान

रामनाथ कविया

देखै भीखम द्रोण

रामनाथ कविया

द्रौपद दक्काळाह

रामनाथ कविया

सकुनी जीते सार

रामनाथ कविया

जोवौ जेठाणीह

रामनाथ कविया

ओठा दिन आयाह

रामनाथ कविया

द्रौपद हेलौ देह

रामनाथ कविया

पूत सास रे पांच

रामनाथ कविया

होय सभा हमगीर

रामनाथ कविया

अवह्वैती ह्वै आज

रामनाथ कविया

सारौ मिलग्यौ साथ

रामनाथ कविया

हारयौ खैंचणहार

रामनाथ कविया

मो मन पड़ियौ मोच

रामनाथ कविया

अबला बाळक एक

रामनाथ कविया

गंगा मछगंधाह

रामनाथ कविया

बैध्यो मछ जिण बार

रामनाथ कविया

द्रोपत दुखियारीह

रामनाथ कविया

ऐ मिल दुसटी आज

रामनाथ कविया

मिनिया मंजारीह

रामनाथ कविया

हार्‌या कर हल्लोह

रामनाथ कविया

गरडी गंधारीह

रामनाथ कविया

आसा तज आयाह

रामनाथ कविया