लुगाई पर कवितावां

कविता124

सुभाव

अंजु कल्याणवत

आटा की चालणी

उषा राजश्री राठौड़

जे म्हैं आदमी होऊँ

विमला महरिया 'मौज'

भूतणीं

विमला महरिया 'मौज'

परायो धन

अनुश्री राठौड़

लुगाई

उषा राजश्री राठौड़

पी'र सासरौ

विमला महरिया 'मौज'

घूमर

नारायण सिंह भाटी

जगां-जगां

कमल रंगा

सबदां री हद रै मांय

आईदान सिंह भाटी

ओळूं घट की कस्तूरी

प्रेमजी ‘प्रेम’

देखणौ

पद्मजा शर्मा

पल्ला री गांठ

शकुंतला पालीवाल

कुरजां री कुरलाट

चंद्रशेखर अरोड़ा

दिवलो

थानेश्वर शर्मा

जुद्ध जुक्रेन अर जापो

सत्येंद्र चारण

रठ में ठर

सत्यदीप ‘अपनत्व’

साव नैनी बात

तेजस मुंगेरिया

काण

ऋतुप्रिया

लुगायाँ

प्रीतिमा ‘पुलक’

क्रिस्णाकुमारी

अर्जुन देव चारण

पडूतर

आईदान सिंह भाटी

रूप

सत्यप्रकाश जोशी

वा भटकै है

चंद्रशेखर अरोड़ा

आज री नारी

रमेश मयंक

जीवन

मोनिका गौड़

माटी सूं जोड़तौ

विमला महरिया 'मौज'

सीता माई

तेजस मुंगेरिया

फगत

सीमा भाटी

नारी

सत्यप्रकाश जोशी

धरती मा

भंवर कसाना

इनाम

ऋतुप्रिया

मौत

रमेश मयंक

मुळक

प्रियंका भारद्वाज

गांव री लुगायां

श्याम महर्षि

म्हां लुगायां

शकुंतला पालीवाल

नारी मरदाणी

हीरालाल सास्त्री

बळीतो

शकुंतला पालीवाल

वउ नी परबात

मणि बावरा

पूरण होवण री आस

अर्जुन देव चारण

दुसासण

मणि मधुकर

सीता

अर्जुन देव चारण

लुगाई

बी. एल. माली ‘अशान्त’

सनेसो

गीता सामौर

धूड़ थारै सिर में

कान्हा शर्मा