गुरु पर पद

मध्यकालीन काव्य में

गुरु की महिमा की समृद्ध चर्चा मिलती है। प्रस्तुत संचयन में गुरु-संबंधी काव्य-रूपों और आधुनिक संदर्भ में शिक्षक-संबंधी कविताओं का संग्रह किया गया है।

पद28

गुरु प्रमांण

बाबा रामदेवजी

साधो ऐसी खेती करिये

संत दरियाव जी

दिलदार मेरे सइयाँ

आत्माराम 'रामस्नेही संत'

निजानन्द प्रमांण

बाबा रामदेवजी

साधो एक अचम्भा दीठा

संत दरियाव जी

एक पिंजरा ऐसा आया

सुंदरदास जी

दिलदार मेरे प्यारे

आत्माराम 'रामस्नेही संत'

अभय प्रमांण

बाबा रामदेवजी

मुगति प्रमांण

बाबा रामदेवजी

कउवो चुगै कपूर

संत केसोदास