गुरु पर चौपाई

मध्यकालीन काव्य में

गुरु की महिमा की समृद्ध चर्चा मिलती है। प्रस्तुत संचयन में गुरु-संबंधी काव्य-रूपों और आधुनिक संदर्भ में शिक्षक-संबंधी कविताओं का संग्रह किया गया है।

चौपाई12

गुरु बिन योग नहीं बैरागी

किशनदास जी महाराज

आसण पदमल गाय विराजै

साहबराम राहड़

बिना पुरुष नारी फल ऊणी

स्वामी देवादास जी

गुरु बिन नाम हाथ नहीं आवै

किशनदास जी महाराज

जामण मरण मिटैगा तैरा

किशनदास जी महाराज

गुरु बिन सब तीर्थ फिर आवै

किशनदास जी महाराज

पीतंबर तन अध कवि राजै

साहबराम राहड़

गुरु बिन अन्धा बहुत अलूजै

किशनदास जी महाराज

बार बार सतगुरु समझावै

किशनदास जी महाराज