व्यंग पर कवितावां

कविता39

आजादी अर सपना

अर्जुन देव चारण

मिनख अर मौत

पारस अरोड़ा

बापू रौ बिलम

रेवतदान चारण कल्पित

बरस-जातरा

पारस अरोड़ा

उच्छब

मणि मधुकर

रस्तौ

मणि मधुकर

आप री माया

मोहन आलोक

अडोळौ उच्छब

रेवतदान चारण कल्पित

अभरोसौ

रेवतदान चारण कल्पित

सुण ओ स्याणां

मणि मधुकर

झूठौ बणज

प्रेमजी ‘प्रेम’

ठठेरै री जाई

मणि मधुकर

म्हे आया अकल बतावा नै

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

किणनै उडीकां हां

अर्जुन देव चारण

लोभ

प्रेमजी ‘प्रेम’

सुवाद

मणि मधुकर

कमरै कमरै

मोहन आलोक

करमां री लकीरां नै

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

दुसासण

मणि मधुकर

लोकराज

रेवतदान चारण कल्पित

चोरटो-चाँद

किशोर कल्पनाकान्त

फाटोड़ी जेब

पारस अरोड़ा

मि. नाथ

सत्यप्रकाश जोशी

बच्यारौ म्हूं

प्रेमजी ‘प्रेम’

अदीतवार

मणि मधुकर

नांवरासी

मणि मधुकर

बोलै सरणाटो

हरीश भादानी

दीवा-सम्मेलण

किशोर कल्पनाकान्त

पांगळी

मणि मधुकर

इण जुग रा इकबार

गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद'

कुणस

प्रेमजी ‘प्रेम’

अणगायो-गीत

किशोर कल्पनाकान्त

रमजानी

प्रेमजी ‘प्रेम’

लक्खण

प्रेमजी ‘प्रेम’

क्रान्ति

किशोर कल्पनाकान्त

बंस

मणि मधुकर