कला पर लेख

कला मिनख जूण रै इतियास

सागै राती-माती व्हैती आयी है। कोसगत कला रा जिका अर्थ दीरीज्या है उणमें एक अर्थ खुद नै अभिव्यक्त करणौ ई है। अठै प्रस्तुत कवितावां कला रै ओळै-दोळै रचियोड़ी है।