कला पर कवितावां

कला मिनख जूण रै इतियास

सागै राती-माती व्हैती आयी है। कोसगत कला रा जिका अर्थ दीरीज्या है उणमें एक अर्थ खुद नै अभिव्यक्त करणौ ई है। अठै प्रस्तुत कवितावां कला रै ओळै-दोळै रचियोड़ी है।

कविता7

कलो री कला

सतीश गोल्याण

कलाकारी

सपना वर्मा

औ नाटक कोनीं

चन्द्र प्रकाश देवल

उजास री सीरणी

राजेश कुमार व्यास

घूमर

नारायण सिंह भाटी