फुटरापौ पर कवितावां

फूटरापौ एक भाव है। राजस्थानी

री सगळी बोलियां में फूटरापै रा अलेखूं पर्यायवाची है। अठै प्रस्तुत संकलन में फूटरापै नै लेय'र रचियोड़ी कवितावां रो संग्रै करीज्यो है।

कविता140

प्रेम री परिभाषा

सत्येंद्र चारण

मूंडो दूधां धोयो

प्रेमजी ‘प्रेम’

सांझ-सुंदरी

महेंद्रसिंह छायण

निभ जावै हर रिश्तो

अनुश्री राठौड़

मिनख री सुतंतरता

रेणुका व्यास 'नीलम'

रोहिड़े रा फूल

मृदुला राजपुरोहित

पासाण सुंदरी

नारायण सिंह भाटी

म्हारै पुराणियां घर री

मृदुला राजपुरोहित

करड़ो सांच

कैलाश मंडेला

सुन्दरता अर सिव

अनिता सैनी

लोक देस

देवेश पथ सारिया

कन्या शतक सूं

रेखा व्यास

लाजाळू बींनणी

अमर सिंह राजपुरोहित

तूं लागै घणी रूपाळी

छैलूदान चारण 'छैल'

मिलण

पूजाश्री

भादवै रो मेह

कृष्ण बृहस्पति

मोती डूंगरी

मणि मधुकर

ऊँचे अडाण माथै

रतन सिंह चांपावत

गड़ीसर

कमल सिंह सुल्ताना

भोर

सांवर दइया

प्रीत

नंद भारद्वाज

सिंझ्या

गजेन्द्र कंवर चम्पावत

नारीहीण दुनिया

कपिलदेव आर्य

चिड़कली

कृष्णपाल सिंह राखी

दादी रै मिस

कमल किशोर पिपलवा

रोईड़ौ

मणि मधुकर

कसूम्बा

मोहम्मद सदीक

मजदूर

लालचन्द मानव

म्हां अपमानित

पारस अरोड़ा

पिणघट

शारदा कृष्ण

गाडिया लुहार

गोरधन सिंह शेखावत

धरती री भासा

मोहन आलोक

अेक कवि री आयस

चन्द्र प्रकाश देवल

परकत इच्छा

नन्दकिशोर चतुर्वेदी

इंदर धणख

सीमा भाटी

आ सांस जियां

सांवर दइया

अढाई आखरां रौ अभिमन्यु

शंकरसिंह राजपुरोहित

मिनख-मिनख री मार

कपिलदेव आर्य

गवरी से गावणौ

नारायण सिंह भाटी

चांद रो चितराम

चैन सिंह शेखावत

साटिया री छोरी सूं

गोरधन सिंह शेखावत

धोरां री धरती

शिवराज भारतीय

माँ रा सपना

राजदीप सिंह इन्दा

हेत प्रीत री हथाई

नाथूसिंह इंदा