फुटरापौ पर कवितावां

फूटरापौ एक भाव है। राजस्थानी

री सगळी बोलियां में फूटरापै रा अलेखूं पर्यायवाची है। अठै प्रस्तुत संकलन में फूटरापै नै लेय'र रचियोड़ी कवितावां रो संग्रै करीज्यो है।

कविता73

दीठ सूं उपजै नेह

राजेश कुमार व्यास

सांझ-सुंदरी

महेंद्रसिंह छायण

आपणो थार

रामकुमार भाम्भू

आंख्यां

त्रिभुवन

वसुधा वीरां री

रेवतदान कल्पित

पासाण सुंदरी

नारायण सिंह भाटी

लोक देस

देवेश पथ सारिया

कन्या शतक सूं

रेखा व्यास

मिलण

पूजाश्री

गोरै दिन रै लारै सिंझ्या

कन्हैयालाल सेठिया

भादवै रो मेह

कृष्ण बृहस्पति

ऊँचे अडाण माथै

रतन सिंह चांपावत

कसूम्बा

मोहम्मद सदीक

मजदूर

लालचन्द मानव

म्हां अपमानित

पारस अरोड़ा

पिणघट

शारदा कृष्ण

गाडिया लुहार

गोरधन सिंह शेखावत

इंदर धणख

सीमा भाटी

अढाई आखरां रौ अभिमन्यु

शंकरसिंह राजपुरोहित

गवरी से गावणौ

नारायण सिंह भाटी

चांद रो चितराम

चैन सिंह शेखावत

साटिया री छोरी सूं

गोरधन सिंह शेखावत

धोरां री धरती

शिवराज भारतीय

माँ रा सपना

राजदीप सिंह इन्दा

हेत प्रीत री हथाई

नाथूसिंह इंदा

बा म्हनैं

दुष्यंत

मूमल

नारायण सिंह भाटी

रूपा बावळी

रामदयाल मेहरा

खजाणौ

घनश्याम नाथ कच्छावा

सै सूं सुन्दर पुसब

रेणुका व्यास 'नीलम'

रूप हालै

अमर दलपुरा

फुलवारी

शिव 'मृदुल'

पामणा लेवण आया जी

चतुर कोठारी

सोनार किलो

राजेश कुमार व्यास

गमियोड़ौ गांव

सत्यदेव संवितेन्द्र

बापड़ी कविता

महेन्द्र मील

ईतर की सीसी

विष्णु विश्वास

घूँघट

ओम बटाऊ

धोरां वाळो देस

भगवान सैनी

इतरावे क्यूं?

भगवान सैनी

उलथौ

कमल रंगा

ममोलियो

सुमन पड़िहार

रूप

सत्यप्रकाश जोशी

विश्वसुन्दरी रै मिस

अन्नाराम ‘सुदामा'

भायला

नवनीत पाण्डे