फुटरापौ पर कवितावां

फूटरापौ एक भाव है। राजस्थानी

री सगळी बोलियां में फूटरापै रा अलेखूं पर्यायवाची है। अठै प्रस्तुत संकलन में फूटरापै नै लेय'र रचियोड़ी कवितावां रो संग्रै करीज्यो है।

कविता151

प्रेम री परिभाषा

सत्येंद्र चारण

पासाण सुंदरी

नारायण सिंह भाटी

सांझ-सुंदरी

महेंद्रसिंह छायण

मूंडो दूधां धोयो

प्रेमजी ‘प्रेम’

रोहिड़े रा फूल

मृदुला राजपुरोहित

म्हारै पुराणियां घर री

मृदुला राजपुरोहित

निभ जावै हर रिश्तो

अनुश्री राठौड़

मिनख री सुतंतरता

रेणुका व्यास 'नीलम'

आपणो थार

रामकुमार भाम्भू

हाल-चाल

कुलदीप पारीक 'दीप'

आंख्यां

त्रिभुवन

सवार

मालचंद तिवाड़ी

झील रो पाणी

रमेश मयंक

दीठ सूं उपजै नेह

राजेश कुमार व्यास

करड़ो सांच

कैलाश मंडेला

सुन्दरता अर सिव

अनिता सैनी

लोक देस

देवेश पथ सारिया

कन्या शतक सूं

रेखा व्यास

लाजाळू बींनणी

अमर सिंह राजपुरोहित

मुरधर रा हीरा

अस्त अली खां मलकांण

तूं लागै घणी रूपाळी

छैलूदान चारण 'छैल'

धरती का दो पग

गोविन्द हाँकला

मिलण

पूजाश्री

भादवै रो मेह

कृष्ण बृहस्पति

मोती डूंगरी

मणि मधुकर

ऊँचे अडाण माथै

रतन सिंह चांपावत

गड़ीसर

कमल सिंह सुल्ताना

वा बोली

नाज़िम हिक़मत

भोर

सांवर दइया

प्रीत

नंद भारद्वाज

सिंझ्या

गजेन्द्र कंवर चम्पावत

नारीहीण दुनिया

कपिलदेव आर्य

चिड़कली

कृष्णपाल सिंह राखी

दादी रै मिस

कमल किशोर पिपलवा

रोईड़ौ

मणि मधुकर

कसूम्बा

मोहम्मद सदीक

मजदूर

लालचन्द मानव

म्हां अपमानित

पारस अरोड़ा

पिणघट

शारदा कृष्ण

सै कीं गमाय'र

जुज़ेपे उंगारेत्ती

गाडिया लुहार

गोरधन सिंह शेखावत

धरती री भासा

मोहन आलोक

अेक कवि री आयस

चन्द्र प्रकाश देवल

परकत इच्छा

नन्दकिशोर चतुर्वेदी

इंदर धणख

सीमा भाटी