फुटरापौ पर गीत

फूटरापौ एक भाव है। राजस्थानी

री सगळी बोलियां में फूटरापै रा अलेखूं पर्यायवाची है। अठै प्रस्तुत संकलन में फूटरापै नै लेय'र रचियोड़ी कवितावां रो संग्रै करीज्यो है।

गीत25

महिनो फागण रो

कानदान ‘कल्पित’

हेरो नं नणदल का बीरा

राजेन्द्र सोलंकी

कठीकर आवै अे?

किशोर कल्पनाकान्त

कुमकुम सूँ

बद्रीलाल ‘दिव्य’

कळायण

मनुज देपावत

हठीलो राजस्थान

सोनी सांवरमल

मुरधर म्हारो देस

कानदान ‘कल्पित’

रोहीड़ा अर खेजड़ा

गजानन वर्मा

मरवण! तार बजा

किशोर कल्पनाकान्त

रूपाळो गांव

भूरसिंह मीणा

माळीड़ा, मत चूंट फूल तो

कन्हैयालाल सेठिया

होळी गावण दे

कल्याणसिंह राजावत

मिजमानी

अभिलाषा पारीक

अै रातां है जागण री

किशोर कल्पनाकान्त

बणज्यारी

जगदीश झालावाड़ी

माणीगर आवै है

किशोर कल्पनाकान्त

पणिहारी

बुलाकी दास बावरा

मनभावण बसंत आयो री

चंद्र सिंह बिरकाळी

फागण आयो राज

किशोर कल्पनाकान्त

जीवण नद यूं बहतो जावै

चंद्र सिंह बिरकाळी

हूक

गजानन वर्मा

थनैं गीतां में गाऊंला

प्रहलाद सिंह झोरड़ा

कामणी

मोहम्मद सदीक