थार थारी बाताँ प्यारी

म्हानैं लागै जग स्यूं न्यारी।

आक खींप अनै फोगड़ा

जाँटी कुंभट अनै रोहिड़ा

मरूधर री फुलवारी

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

गोडावण है इण री शान

ऊँट बधावै इण रो मान

कुरजां री मीठी किलकारी

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

कैर साँगरी अर फोफलिया

बेर मतीरा अर काकड़िया

पीलां भरी जाळा सारी

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

मूँग मोठ अनै बाजरी

खेतां खड़ी भरै हाजरी

केसर निपजे क्यारी-क्यारी

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

अठै हुया है वीर घणैरा

जबर लड़्या हा बै बांकुरा

इण माटी नै सिर पर धारी

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

अठै री बड़भागी नार

देस धरम पर सुत दै वार

त्याग बलिदान री राखै तैयारी

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

इण रा गुण सगळा ही गावे

मिल'र सारा सीस निवावे

आ'ही है जिंदगाणी म्हारी

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

धोती कुरतो जचै साँचली

मोटो घाघरो अनै काँचळी

प्रीत सरावै दुनिया सारी

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

ईं रै धोरां री कै बातां

छींकळ विचरै दिन अर रातां

चिंकारै री महिमा भारी

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

चंग बाँसुरी ढोल बजाणो

होली री रातां मांय गाणो

रंगभरी चालै पिचकारी

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

घूमर, घूड़लो, गैर, लूर

आं नाचां मांय चढै सरुर

नाचणिया रै मस्ती छा'री

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

मै'ल झोंपड़ी गढ़ किला

ढाणी गाँव सै'र रंगीला

ठौड़ ठौड़ ही महिमा गा'री

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

थार थारी बातां प्यारी

म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी।

स्रोत
  • सिरजक : रामकुमार भाम्भू ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
जुड़्योड़ा विसै