हियौ पर कवितावां

कवियों-शाइरों के घर

दिल या हृदय एक प्रिय शब्द की तरह विचरता है, जहाँ दिल की बातें और दिल के बारे में बातें उनकी कविताई में दर्ज होती रहती हैं। यह चयन दिल पर ज़ोर रखती ऐसी ही कविताओं में से किया गया है।

कविता77

अंतस रो दीवो

सुमन बिस्सा

पगडांडियां

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

वो झुरै

अर्जुन देव चारण

आंगणो

इरशाद अज़ीज़

हूक री कूक

मोहम्मद सदीक

म्हारी मां!

किरण राजपुरोहित 'नितिला'

अंतस रा देव

तेजस मुंगेरिया

अंतस रो च्यानणों

मोनिका शर्मा

वसन्त वेळां

जयसिंह चौहान 'जौहरी'

देवता

वासु आचार्य

म्हारो मन

वासु आचार्य

मयलौ

उपेन्द्र अणु

हिवड़ै रा गीत

दीपचन्द सुथार

दोय घंट

दीपचन्द सुथार

मन री आफळ

प्रहलादराय पारीक

प्रीत रो अणहद नाद

मीनाक्षी आहुजा

उजास रै आंगणै

रतना ‘राहगीर’

कांई म्हांका दिल में

हीरालाल सास्त्री

भाव, आखर अर कविता

महेन्द्र मील

म्है हेरूं, थूं हेरै

श्याम गोइन्का

थूं अणबोल्यो छानै सै

पवन राजपुरोहित

हथेळी में चांद

मोनिका गौड़

मोबाइल

घनश्याम नाथ कच्छावा

चालणी

हरीश बी. शर्मा

मन-सूवटियो

रामनाथ व्यास ‘परिकर’

हिये रे आळे-याळे

शंकरलाल मीणा

अेक नवी लुकमींचणी

नवनीत पाण्डे

कब्जो

मनमीत सोनी

हाथ

कालू खां

अंतस् मीठास

शिवराज छंगाणी

तड़फता दोय जीव

देवीलाल महिया

चवड़ैधाड़ै

नवनीत पाण्डे

आंख

अशोक जोशी ‘क्रांत’

हूंस

आशा शर्मा

नेह रौ दिवलौ

निर्मला राठौड़

प्रेम

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

हेजळा आखर

चन्द्र प्रकाश देवल

आखर बोल : आखर बांच

हरीश भादानी

करमगत

गजेसिंह राजपुरोहित

ऊंडै आभै गूंजती

मालचंद तिवाड़ी

सवार

मालचंद तिवाड़ी