हियौ पर दूहा

कवियों-शाइरों के घर

दिल या हृदय एक प्रिय शब्द की तरह विचरता है, जहाँ दिल की बातें और दिल के बारे में बातें उनकी कविताई में दर्ज होती रहती हैं। यह चयन दिल पर ज़ोर रखती ऐसी ही कविताओं में से किया गया है।

दूहा3

कथूं हियै रा भाव

नरपत आशिया "वैतालिक"

बैठ भलाई डागळै

भागीरथसिंह भाग्य