हियौ पर ग़ज़ल

कवियों-शाइरों के घर

दिल या हृदय एक प्रिय शब्द की तरह विचरता है, जहाँ दिल की बातें और दिल के बारे में बातें उनकी कविताई में दर्ज होती रहती हैं। यह चयन दिल पर ज़ोर रखती ऐसी ही कविताओं में से किया गया है।

ग़ज़ल4

सबदां री शमशीर परखजै

रतन सिंह चांपावत

अब हिवड़ै रा पट खोलो सा

रतन सिंह चांपावत

थां सूं लूंठी आस धणी!

राजेंद्र स्वर्णकार