हियौ पर सोरठा

कवियों-शाइरों के घर

दिल या हृदय एक प्रिय शब्द की तरह विचरता है, जहाँ दिल की बातें और दिल के बारे में बातें उनकी कविताई में दर्ज होती रहती हैं। यह चयन दिल पर ज़ोर रखती ऐसी ही कविताओं में से किया गया है।

सोरठा3

चित हित सूं कर चाव

साह मोहनराज

आज हि नहीं अबार

साह मोहनराज

काजळ माच्यौ कीच

रामनाथ कविया