हियौ पर गीत

कवियों-शाइरों के घर

दिल या हृदय एक प्रिय शब्द की तरह विचरता है, जहाँ दिल की बातें और दिल के बारे में बातें उनकी कविताई में दर्ज होती रहती हैं। यह चयन दिल पर ज़ोर रखती ऐसी ही कविताओं में से किया गया है।

गीत11

काठो राख काळजो

धनराज दाधीच

सारी-सारी रैन

धनराज दाधीच

सीपी, पाळ पेट में मोती

कन्हैयालाल सेठिया

मन रो मान सरोवर

मोहम्मद सदीक

हिये-चानणो

मेघराज मुकुल

ओल्यूं

रशीद अहमद पहाड़ी

गलगळी

गोरस प्रचण्ड

रूपाळी गिणगौर

धनंजया अमरावत

कथना-तणौ गीत

किशोर कल्पनाकान्त