आंख – 1

आंख री
आंख
आरसी
हियै री।

आँख 2

निजरां सूं निजरां
मिल्यां
संजोग नीं मिल्या
जीव रौ रोग।

आख 3

सांची
आंख रौ धणी
सांचौ व्है
प्रेम रौ हिमायती।



स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक 6 ,
  • सिरजक : अशोक जोशी 'क्रांत' ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’
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