भाषा पर कवितावां

भाषा मानव जाति द्वारा

प्रयुक्त वाचन और लेखन की प्रणाली है जिसका उपयोग वह अपने विचारों, कल्पनाओं और मनोभावों को व्यक्त करने के लिए करता है। किसी भाषा को उसका प्रयोग करने वाली संस्कृति का प्रतिबिंब कहा गया है। प्रस्तुत चयन में कविता में भाषा को एक महत्त्वपूर्ण इकाई के रूप में उपयोग करती कविताओं का संकलन किया गया है।

कविता51

आ राजस्थानी भाषा है

शक्तिदान कविया

भासा रौ भरोसौ

चन्द्र प्रकाश देवल

भाषा अर विग्यांन

श्यामसुन्दर ‘श्रीपत’

कैंसर एक्सप्रेस

मदन गोपाल लढ़ा

सबद : अेक

प्रमोद कुमार शर्मा

मून अर बाताँ

अतुल कनक

बूढ़ा बडेरा टाबर टोळी

कृष्णा आचार्य

निपाप भासा

चन्द्र प्रकाश देवल

भासा री मौत

जगदीश गिरी

मुळकै है कविता

प्रकाशदान चारण

वखत

गोरधन सिंह शेखावत

दट कर इधकार दिराणो है

सुआसेवक कुलदीप चारण

मीठी मायड़ भासा

निर्मला राठौड़

हस्ती रै परबार

मालचंद तिवाड़ी

सबद : तीन

प्रमोद कुमार शर्मा

मौन री भासा

रामकुमार भाम्भू

मायड़ भासा

राजेश कुमार व्यास

राजस्थानी

रेवतदान कल्पित

सबद

छैलकंवर चारण

प्रवासी

चन्द्र प्रकाश देवल

मायड़ भासा मोवणी

संतोष शेखावत ‘बरड़वा’

व्हाली राजस्थानी

अनुश्री राठौड़

सबद नाद

हरिमोहन सारस्वत 'रूंख'

सबद : दो

प्रमोद कुमार शर्मा

मायड़ भासा

आभा मेहता 'उर्मिल'

सरणाटो

चैन सिंह शेखावत

सबद : चार

प्रमोद कुमार शर्मा

राजस्थानी भाषा

श्यामसुन्दर ‘श्रीपत’

सबदां री अकूरड़ी

धनपत स्वामी

सबद : पांच

प्रमोद कुमार शर्मा

आंनै कुण जाणसी

प्रकाशदान चारण

सबद : आठ

प्रमोद कुमार शर्मा

सबद : नौ

प्रमोद कुमार शर्मा

सनेसौ

चन्द्र प्रकाश देवल

हक मांग्या नीं मिळै

गौरी शंकर निम्मीवाल

भासा

सत्यप्रकाश जोशी

मायड़ सूं प्रीत

सुमन पड़िहार

थारौ वासौ

चन्द्र प्रकाश देवल

भासा अर भूख

कृष्ण कल्पित

तर-तर बसै सौरम

राजेश कुमार व्यास

धरती री भासा

कन्हैयालाल सेठिया

नेहचौ

चन्द्र प्रकाश देवल

सबद : छह

प्रमोद कुमार शर्मा

सबद : सात

प्रमोद कुमार शर्मा

कांई करां हजूर!

चन्द्र प्रकाश देवल