चिड़कली पर कवितावां

चिड़कली रै आपरै निजु

अरथ होवण रै साथै लोक में उणरौ अरथ बेटी सूं ई लेरीजै। अठै संकलित कवितावां दोनूं अरथां सूं संबंध राखै।

कविता50

भोळी चिड़कली

चंद्रशेखर अरोड़ा

निरवाळा रंग

राजूराम बिजारणियां

भासा रौ भरोसौ

चन्द्र प्रकाश देवल

नाम री चिड़कली

सपना वर्मा

ऊजळी पांखां सूं

सुमन बिस्सा

मां

भगवान सैनी

माँ

नीलम पारीक

भोळा कबूतर

मोनिका गौड़

चिड़कली

राजेन्द्र सिंह चारण

मारग री मौत

चन्द्र प्रकाश देवल

चिड़कली रा तीन सुवाल

अशोक परिहार 'उदय'

चिड़कली रो ब्याव

पूनमचंद गोदारा

रूंख अर चिड़कली

देवीलाल महिया

उजास रै आंगणै

रतना ‘राहगीर’

दोय चिड़कली

राजदीप सिंह इन्दा

बेटी रा घर

धनपत स्वामी

सिटल

कुमार श्याम

आपरी चूंच

यादवेन्द्र शर्मा चन्द्र

अड़वां नैं ओळभा

गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

गांव री सुबै

नाथूसिंह इंदा

पड़ूत्तर

रचना शेखावत

सुतंतरता

भंवर भादानी

ओळयूं

गौरी शंकर निम्मीवाल

चिड़ी बणा दीज्यो

सीमा राठौड़ ‘शैलजा’

मायतां री सीख

हनुमान प्रसाद 'बिरकाळी'

बोल चिड़कली बोल

राजू सारसर 'राज'

चिड़कली

तेजस मुंगेरिया

खोल दी प्रोळ

कमल रंगा

चिड़ियां ज्यूं उड जाय

सरला सोनी ‘मीरा कृष्णा’

कुरजां

चैन सिंह शेखावत

चिड़कली

संतोष शेखावत ‘बरड़वा’

चिड़कली

कान्हा शर्मा

उजास गीत

हरदान हर्ष

बिरछ देवता

बाबूलाल शर्मा

न्हँ आयो

अम्बिका दत्त

चिड़ी हुय जावै फुर्‌र ...

पुनीत कुमार रंगा

थूं जद

सुरेन्द्र सुन्दरम

थूं तो नीं है

पुनीत कुमार रंगा

अेक जातरू ज्यूं

पुनीत कुमार रंगा