आदिवासी पर कवितावां

दलित-विमर्श की तरह ही

आदिवासी-विमर्श भी हिंदी साहित्य और कविता में गए कुछ दशकों में प्रमुखता से उभरा है। प्रस्तुत चयन आदिवासी समाज को आधार बनाने वाली कविताओं से किया गया है।

कविता10

सीख

उपेन्द्र अणु

जौतराईग्या गुदा

ज्योतिपुंज

मोटो खड़ाणो

मोहन आलोक

अकरामण नो दलदल

उपेन्द्र अणु

हीक

उपेन्द्र अणु

हलाट ने सीताल

उपेन्द्र अणु

सरनामू

भोगीलाल पाटीदार

धुंवाड़ौ

उपेन्द्र अणु

डूंगरी न्हें बौली

भोगीलाल पाटीदार

दो कवितावां

उपेन्द्र अणु