विद्रोह पर कवितावां

विद्रोह की अपनी एक जनपक्षधरता

भी होती है। इस आशय में कविता विद्रोह का संकल्प लेती भी रही है और लोगों को इसके लिए जागरूक भी करती रही है। यहाँ प्रस्तुत है—विद्रोह विषयक कविताओं से एक विशेष चयन।

कविता3

जुग-भीषम

कन्हैयालाल सेठिया

मैं बागी तो कोनी होयग्यो के

किशोर कल्पनाकान्त

लुणास

शिव बोधि