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गणगौर पर लोकगीत
लोकगीत
गीत
दूहा
लोकगीत
29
झड़ झूमकियौ लड़ लूमकियौ
भंवर म्हानै पूजण दयौ गणगौर
बाड़ी बाड़ी बड़कूल्यौ
जल्ला
गाळ
ऊठौ म्हारा गौरां बाई
मैंमद
अब जागौ नीं बाईसा रा बीर
जौये चरंता मिरगला
पूजौ ये पुजारयां बायां कांयी कांयी मांगौ
जांन आयी ये म्हारी गौर की
ऊबा सा रिज्यौ महादेवजी
आज्यौ गणगौरयां प्यारा पांवणा सा ढोला
आरत्यौ
गणगौर
बाड़ी बाड़ी भंवरौ भणकै रै बाई गवरल अे
ईसर ले चाल्यौ गणगौर
पींपळी-2
सांझ पड़ी दिन आंतियौ
विनायक
आ तौ कुणसा के मांडी गणगौर
जुंवारा
आ तौ गौर किस्या बाई की कहीजै ओ राज
पारपती घुरयौ ये नंगारौ बा'रै आवौ जी
बधावौ
छोटी सी तळायी यै पानां फूलां छाई ये
लुमां क झुमां टीकी
चूंदड़ी
झीलौ म्हारी चूंदड़ी जी