एकेश्वर पर कवितावां

एकेश्वरवाद या एकास्तिक्य

वह सिद्धान्त है जहाँ 'ईश्वर के एकल स्वरूप की मान्यता प्राप्त है' अथवा एक ईश्वर है विचार को सर्वप्रमुख रूप में मान्यता देता है। एकेश्वरवादी एक ही ईश्वर में विश्वास रखता है और केवल उसी की पूजा-अर्चना उपासना करता है।

कविता2

पांखड़ल्यां

अभिलाषा पारीक

कुण सूरज री धूंणी तापै

गौरीशंकर ‘भावुक’