मन पर कवितावां

कविता17

पेट रै मांय गादड़ो

सत्यनारायण इन्दौरिया

चावना है म्हारी

रेणुका व्यास 'नीलम'

जी करै म्हारो

संजय पुरोहित

मून अर बाताँ

अतुल कनक

म्हारो मन्न

सत्येंद्र चारण

सुवांज

चैन सिंह शेखावत

म्हारौ बरजणौ

कुन्दन माली

बावळा क्यूं सोचै दिन रात।

मानसिंह शेखावत ‘मऊ’

म्हारा बैराग

तेजस मुंगेरिया

दु:खां रा मारग

इन्द्र प्रकाश श्रीमाली

नवा सबद

जितेन्द्र कुमार सोनी

जोड़ायत पंछी

सत्यनारायण इन्दौरिया

भंतूळ

लीटू कल्पनाकांत

ओ मन

सिया चौधरी

मन

मीनाक्षी बोराणा

भोळो-भाळो बाळपणो

सुमन पड़िहार