राम पर दूहा

सगुण भक्ति काव्यधारा

में राम और कृष्ण दो प्रमुख अराध्य देव के रूप में प्रतिष्ठित हुए। राम की प्रतिष्ठा एक भावनायक और लोकनायक की है जिन्होंने संपूर्ण रूप से भारतीय जीवन को प्रभावित किया है। समकालीन सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों ने भी राम को कविता चिंतन का प्रसंग बनाया। इस चयन में राम के अवलंब से अभिव्यक्त बेहतरीन दोहों और कविताओं का संकलन किया गया है।

दूहा23

निसवासुरि ग्रासै जुरा

हरिदास निरंजनी

गुर सिष सूं समझाइ करि

हरिदास निरंजनी

जाकै सेवग रामजी

स्वामी आत्माराम

डाल पात फल फूल में

स्वामी आत्माराम

साखियाँ

सुंदरदास जी

सब कोई चाहे मान कूं

स्वामी आत्माराम

कर जोड़े कहै केकवी

मेहा गोदारा