सती पीव के संग जळै, मौड़त है नहीं अंग।

मोहन बिरही राम बिन, ज्यु दीपक जोति पतंग॥

स्रोत
  • पोथी : संत कवि मोहनदास की वाणी और विचारों का अध्ययन ,
  • सिरजक : डाॅली प्रजापत ,
  • प्रकाशक : हिंदी विभाग, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर
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