राम पर छप्पय

सगुण भक्ति काव्यधारा

में राम और कृष्ण दो प्रमुख अराध्य देव के रूप में प्रतिष्ठित हुए। राम की प्रतिष्ठा एक भावनायक और लोकनायक की है जिन्होंने संपूर्ण रूप से भारतीय जीवन को प्रभावित किया है। समकालीन सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों ने भी राम को कविता चिंतन का प्रसंग बनाया। इस चयन में राम के अवलंब से अभिव्यक्त बेहतरीन दोहों और कविताओं का संकलन किया गया है।

छप्पय13

वारद विद्युत वरण

मंसाराम सेवग

महंण मांण मारीच प्रांण

माधवदास दधवाड़िया

चहूँ चक्क चल चलिय

मंसाराम सेवग

आज करूँ आरांण

मंसाराम सेवग

गंगा महिमा

माधवदास दधवाड़िया

नदिया नाव संजोग बंध्यौ है

स्वामी देवादास जी

बड़ी सरपणी सब गिल्या

स्वामी देवादास जी

रात दिवस इण रीत

मंसाराम सेवग

बाजिंद ताण विभांण

मंसाराम सेवग

घणां घाट लंयणां

मंसाराम सेवग

नारद कहियो नाथ!

मंसाराम सेवग