राम पर कवितावां

सगुण भक्ति काव्यधारा

में राम और कृष्ण दो प्रमुख अराध्य देव के रूप में प्रतिष्ठित हुए। राम की प्रतिष्ठा एक भावनायक और लोकनायक की है जिन्होंने संपूर्ण रूप से भारतीय जीवन को प्रभावित किया है। समकालीन सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों ने भी राम को कविता चिंतन का प्रसंग बनाया। इस चयन में राम के अवलंब से अभिव्यक्त बेहतरीन दोहों और कविताओं का संकलन किया गया है।

कविता12

माळा

मंजू किशोर 'रश्मि'

पिरथी पे पूंजी कमाले रे प्राणी

भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक’

रोटी में राम बसै

ओम पुरोहित ‘कागद’

पांखड़ल्यां

अभिलाषा पारीक

म्हूंत ई'ज जाणतो तो के

शैलेन्द्र उपाध्याय

बाळक

जितेन्द्र निर्मोही

उथल नै तौ देख

नारायण सिंह भाटी

मेऽरियूऽऽऽ

शैलेन्द्र उपाध्याय

कथा

भोगीलाल पाटीदार