अणमांग्या मोती मिलै, मांगी मिलै न भीख
एक पैंड चाली कोन्या’र बाबा! तिसाई।
ई की मा तो ई नै ही जायो।
इज्जत की लहजत ही और हुवै है।
ऊतां कै के सींग होय है।
अग्गमबुद्धी बाणियो, पिच्छमबुद्धी जाट। तुर्तबुद्धी तुरकड़ो, बामण सम्पटपाट।
ऊपर राम चढ्यो देखै है।
आंख्यां सैं आंधो, नांव नैणसुख।
ईसरो सो परमेसरो।
उझल्या समदर ना डटै।
इन्नै पड़े तो कुवो, उन्नै पड़ै तो खाई।
इब पछतायां के बणै जद चिड़िया चुग गई खेत।
इमरत तो रत्ती ही चोखो, झैर मण भी के काम को।
उतारदी लोई, के करैगो कोई।
उतर भैंसा मेरी बारी।
उघाड़ै वारणै धाड़ नहीं, उजाड़ गांव में राड़ नहीं।
ऊँट कै मूं जीरै सैं के हुवै?
आँख कान को च्यार आंगळ को फरक है
आं तिला में तेल कोनी।
अठे गुड़ गीलो कोनी अथवा इसो गुड़ गीलो कोनी।
उठे का मुरदा उठे बळैगा, अठे का अठे।
अगस्त ऊगा, मेह पूगा।
ऊँखळी में सिर दे जिको घमकां सैं के डरै।
अक्कल बिना ऊँट उभाणा फिरै।
आंधा नै तो लाठी चाये
एक ई बेल का तूमड़ा है।
इसो ई हरि गुण गायो, इसो ई संख बजायो।
एक चणो दो दाळ।
ऊपर बागा, घर में नागा।
ईसानी बीसानी।
ऊंदरी को जायो बिल ही खोदै।
आंधी आई ही कोनी, सूंसाट पैली ही माचगो।