पंख पर ग़ज़ल

पंख उड़ान का रूपक है

और इसका संबंध कवि की तमाम कल्पनाओं की उड़ान से जाकर जुड़ता है। इस चयन में पंख और उड़ान संबंधी विशिष्ट कविताओं का संकलन किया गया है।

ग़ज़ल1

आज म्हारो गांवडो बीमार क्यूं दीसै

रामेश्वर दयाल श्रीमाली