वीर काव्य पर दूहा

दूहा60

जंग नगारां जाण रव

सूर्यमल्ल मीसण

कटै न को दिन काटियां

नाथूसिंह महियारिया

खग-कूंची जादू करै

नाथूसिंह महियारिया

नीला री खुरताळ पर

नाथूसिंह महियारिया

वा दिस सखी! सुहावणी

नाथूसिंह महियारिया

रण चढ़िया पट पहरियां

नाथूसिंह महियारिया

संपेखें घर घर सहर

गिरधर आसिया

बाला चाल म बीसरे

सूर्यमल्ल मीसण

संग बळ जावै नारियां

नाथूसिंह महियारिया

राज करावै खाग ही

नाथूसिंह महियारिया

बाप पड़यौ् तिण ठौड़ हूँ

नाथूसिंह महियारिया

रहत नपूती तौ इतौ

नाथूसिंह महियारिया

हणवँत गिर नहँ तोकता

नाथूसिंह महियारिया

वाही रांण प्रतापसी

पृथ्वीराज राठौड़

धीरा धीरा ठाकुरां

सूर्यमल्ल मीसण

नागण जाया चिटला

सूर्यमल्ल मीसण

पातळ रांण प्रवाड़मल

पृथ्वीराज राठौड़

कायर नूं लानत दियै

नाथूसिंह महियारिया

वे रण में विरदावता

नाथूसिंह महियारिया

पिउ केसरियाँ पट किया

नाथूसिंह महियारिया

वाचाणह लुघा वचन

गिरधर आसिया

नित्त जगावै पीव नूँ

नाथूसिंह महियारिया

माई अहड़ा पूत जण

पृथ्वीराज राठौड़

ईखे घर ऊदल तणा

गिरधर आसिया

सह गावड़ियै साथ

पृथ्वीराज राठौड़

सहणी सबरी हूँ सखी

सूर्यमल्ल मीसण

घण तोपां जागै नहीं

नाथूसिंह महियारिया

पटकूं मूछां पाण

पृथ्वीराज राठौड़

चोथौ चीतोड़ाह

पृथ्वीराज राठौड़

संभाळीयो सकतसी

गिरधर आसिया

वाही रांण प्रतापसी

पृथ्वीराज राठौड़

पातळ घड़ पतसाह री

पृथ्वीराज राठौड़

पाताळ जो पतिसाह

पृथ्वीराज राठौड़

बीकम बरसां बीतियों

सूर्यमल्ल मीसण

ज खल भग्गा तो सखी

सूर्यमल्ल मीसण

धर वांकी दिन पाधरा

पृथ्वीराज राठौड़

कै तौ धव रण जीतिया

नाथूसिंह महियारिया

साथण ढोल सुहावणौ

सूर्यमल्ल मीसण

खग तौ अरियां खोसली

नाथूसिंह महियारिया

दमँगल बिण अपचौ

सूर्यमल्ल मीसण

सुत मरियौ हित देस रै

नाथूसिंह महियारिया

हेली धव चढिया हमैं

नाथूसिंह महियारिया