गाळ पर कहाणियां

गाळियां लोक-वै'वार रौ

हिस्सौ है। कदै-कदैई गाळियां काढ'न मिनख भासा सूं आजौ व्है जावै। अठै संकलित कवितावां 'गाळ'विसै सूं जुड़ियोड़ी है।

कहाणी4

छोटी-सी’क चादरड़ी

मेहरचंद धामू

बंधण

मीठेश निर्मोही

कोढ में खाज

रामस्वरूप किसान

जमारौ

यादवेन्द्र शर्मा चन्द्र