गाळ पर कहाणियां

गाळियां लोक-वै'वार रौ

हिस्सौ है। कदै-कदैई गाळियां काढ'न मिनख भासा सूं आजौ व्है जावै। अठै संकलित कवितावां 'गाळ'विसै सूं जुड़ियोड़ी है।

कहाणी1

कोढ में खाज

रामस्वरूप किसान