कालबेलिया नृत्य
लोकश्रुति के अनुसार कालबेलिया समुदाय जलंधर नाथ के शिष्य कनीपाव जी की संतान हैं। जलंधर नाथ ने गोरख और कनीपाव की परीक्षा लेने के लिए एक-एक पात्र बनाने को कहा। गोरख ने अमृत-पात्र बनाया और कनीपाव ने विविध विषों को मिलाकर विष पात्र बनाया। इस धृष्टता पर क्रुद्ध