नीति पर सोरठा

नीति-विषयक दोहों और

अन्य काव्यरूपों का एक विशिष्ट चयन।

सोरठा46

बोलै सांचा बोल

रायसिंह सांदू

श्याम राखजो साख

साह मोहनराज

रूठ असी दै रेस

रामनाथ कविया

नशा जगत रा नीच

साह मोहनराज

पंड मै मोटा पाप

रायसिंह सांदू

सूमां रै घर सोय

रायसिंह सांदू

ऊंचै कुळ में आय

आयस देवनाथ

मूरख रख रे मून

साह मोहनराज

धव म्हारा रणधीर

रामनाथ कविया

चिंता खोटी मार

साह मोहनराज

कुटळ निपट नाकार

कृपाराम खिड़िया

भव तूं जाणै भेव

रामनाथ कविया

सुपना सम संसार

साह मोहनराज

दुष्ट सहज समुदाय

कृपाराम खिड़िया

कीधोड़ा उपकार

कृपाराम खिड़िया

सुख में प्रीत सवाय

कृपाराम खिड़िया

अजै धणी ऊजैण

रायसिंह सांदू

मेटै दुःख मुरार

साह मोहनराज

कपटी जे नर कूड़

आयस देवनाथ

खडियाँ ऊसर खेत

साह मोहनराज

उद्दम करौ अनेक

कृपाराम खिड़िया

वीसळदे वाळीह

रायसिंह सांदू

रामत चौपड़ राज री

रामनाथ कविया

खाटी अपणी खाय

रायसिंह सांदू

नीति-मंजरी सोरठा

बांकीदास आशिया

अहळा जाय उपाय

कृपाराम खिड़िया

पति गंध्रप हे पाँच

रामनाथ कविया

रात-दिवस हिक रांम

रायसिंह सांदू

अणव्हैती व्है आज

रामनाथ कविया

पंडव जणिया पाँच

रामनाथ कविया

जबर जबर जोधार

साह मोहनराज

मुख ऊपर मिठियास

कृपाराम खिड़िया

पढ़बो वेद पुरांण

कृपाराम खिड़िया

गुण सूं तजै न गांस

कृपाराम खिड़िया

साचै मन सूं सेव

आयस देवनाथ

बैध्यो मछ जिण बार

रामनाथ कविया

बांधै मूह बजार

रायसिंह सांदू

सब रै होत समान

साह मोहनराज

नहिं विद्या धन

साह मोहनराज

है तूं बाकी हेक

रामनाथ कविया

पंड मै घणौ पियार,

रायसिंह सांदू

कासूं काज करेह

रायसिंह सांदू

समझणहार सुजांण

कृपाराम खिड़िया