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नियति पर दूहा
नियति शब्द भाग्य, दैव,
पूर्वकृत कर्मों का परिणाम आदि अर्थ देता है।
कविता
गीत
दूहा
सोरठा
छप्पय
काव्य खंड
डिंगल गीत
कवित्त
दूहा
4
जे साहिब कर साहीआ
हरदास मीसण
कदै तक सूतौ रैला
अमर सिंह राजपुरोहित
ते पाप उदें दुख उपजें
आचार्य भिक्षु
समदर रह मुरजाद में, ज्वार किता आ जाय
चंद्र सिंह बिरकाळी