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साइट: परिचय
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दादू सम्प्रदाय पर दूहा
दूहा
अरिल्ल छंद
छप्पय
गीत
पद
सबद
संवैया छंद
सोरठा
कुण्डळियौ छंद
कवित्त
चौपाई
दूहा
35
सेवक कुंभ कुंभार गुर
रज्जब जी
माया सांपिणी सब डसै
दादूदयाल
निरंजन निराकार है
दादूदयाल
दादू, बहु रूपी मन तब लगै
दादूदयाल
सुपनै रो रूपक
सुंदरदास जी
संगत बिना तिरियो नहीं
संत सुखरामदास
सिर जावे तो जाण दो
संत सुखरामदास
आदि शब्द ओंकार है
दादूदयाल
च्यार बरण नर-नार रे
संत सुखरामदास
दादू, कोई काहू जीव की
दादूदयाल
माया सौं मन रत भया
दादूदयाल
गंगा यमुना सरस्वती
दादूदयाल
दादू राम न छाडिये
दादूदयाल
ज्ञान संग गुरु पाविया
संत सुखरामदास
मन मोटा मन पातला
बखना जी
जम दाणु क्या देवता
संत सुखरामदास
रज्जब तांबा लोह पठित
रज्जब जी
दादू भाडा देह का
दादूदयाल
बखना वाणी बरसणी
बखना जी
साखियाँ
सुंदरदास जी
रज्जब ऊपरि रहम करि
रज्जब जी
दादू केई दौड़े द्वारिका
दादूदयाल
रज्जब रहिये राम में
रज्जब जी
जामण मरण जहाँ नही
संत सुखरामदास
संगत बिना तो भाव नही
संत सुखरामदास
दादू दीनदयाल गुर
रज्जब जी
कोरा कलश अवाह का
दादूदयाल
बाहर दादू भेष बिन
दादूदयाल
दादू टूका सहज का
दादूदयाल
माया के रंग जे गये
दादूदयाल
दादू, नाहर सिंह सियाल सब
दादूदयाल
जे बोल्या तौ राम कहि
बखना जी
पहली था सौ अब नहीं
बखना जी
हीरा मन पर राखिये
दादूदयाल
'बखना ' बांणीं सो भली
बखना जी