दादू सम्प्रदाय पर दूहा

दूहा35

सुपनै रो रूपक

सुंदरदास जी

सिर जावे तो जाण दो

संत सुखरामदास

च्यार बरण नर-नार रे

संत सुखरामदास

जम दाणु क्या देवता

संत सुखरामदास

साखियाँ

सुंदरदास जी

जामण मरण जहाँ नही

संत सुखरामदास

संगत बिना तो भाव नही

संत सुखरामदास