Anjas

दूहा

राजस्थानी भासा रै मांय वीर अर दानी पुरूसां खातर घणकरां दूहा लिख्या गया। ओ मात्रिक छंद है। दूहे रै पैले अर तीजे चरण में तेरह अर दूजे अर चौथे चरण में इग्यारा मात्रावां हुवै, इण साथै सोरठे छंद रो उलटो हुवै।

अनूप सैनी 'बेबाक'

अनूप सैनी 'बेबाक'

1992

नूवी पीढ़ी रा कवि-लेखक।

अनिता वर्मा

अनिता वर्मा

1968

सुपरिचित कवयित्री।

अनिता सैनी
अम्बिका दत्त

अम्बिका दत्त

1956

ठावा कवि-गद्यकार। 'नुगरे रा पद' संग्रै सारू खास पिछाण। केंद्रीय साहित्य अकादमी रो सिरै पुरस्कार।

अमर सिंह राजपुरोहित
आचार्य भिक्षु

आचार्य भिक्षु

1726 -1803

आचार्य भिक्षु जैन तेरापंथ धर्मसंघ रा संस्थापक अर पैला आचार्य हा। भिक्षु री रचनावां जैन धार्मिक शिक्षा अर तेरापंथ रा आचार विचार सूं सम्बंधित।

आभा मेहता 'उर्मिल'

आभा मेहता 'उर्मिल'

1956

वागड़ी बोली री कवयित्री।

आयुषी राखेचा

आयुषी राखेचा

नूवी पीढ़ी री कवयित्री।

आशा पाण्डेय ओझा

आशा पाण्डेय ओझा

चावी कवयित्री-लेखिका।

आशानंद बारहठ

आशानंद बारहठ

जोधपुर शासक राव मालदेव रा समकालीन अर राज आश्रित कवि। प्राकृत, संस्कृत अर डिंगल रा ज्ञाता। 'उमादे भटियाणी रा कवित्त' अर 'बाघजी रा दूहा' जैड़ी ठावकी रचनावां खातर चावा।

आसराव रतनू

आसराव रतनू

पंदरहवै सईकै रा नामचीन कवि। जैसलमेर रावळ दुर्जनसाल रा समकालीन अर सहयोगी।

उदयवीर शर्मा

उदयवीर शर्मा

1932

नांमी शिक्षाविद–साहित्यकार।

उम्मेदराम बारहठ

उम्मेदराम बारहठ

1743 -1821

अलवर महाराजा बख्तावर सिंह रा आश्रित कवि। डिंगल व पिंगल दोन्यू धारावां में समान रूप सूं काव्य सिरजण। 'वाणी भूषण', 'राजनीती चाणक्य', 'अवध पच्चीसी', 'मिथिला पच्चीसी', 'जनक शतक' आद रचनावां अर 'बिहारी सतसई' व 'कविप्रिया' रा टीकाकार रै रूप में चावा।

ऊदोजी अड़ींग

ऊदोजी अड़ींग

1761 -1876

जाम्भाणी साहित्य रचैताओं में खास गिणावणजोग नांव। 'प्रहलाद चरित', 'विष्णु चरित', 'कका सैंतीसी', 'लूर' आद चावी रचनावां।

ओम नागर

ओम नागर

1980

चावा कवि-गद्यकार। 'जद बी मांडबा बैठूं छूं कविता’ कविता संग्रै माथे केंद्रीय साहित्य अकादमी रो युवा पुरस्कार।

ओम बटाऊ

ओम बटाऊ

इण सदी रा कवि।

कुंदन सिंह 'सजल'

कुंदन सिंह 'सजल'

इण सदी रा कवि-लेखक।

करणीदान कविया

करणीदान कविया

जोधपुर महाराजा अभयसिंह जी रा प्रमुख दरबारी कवि। 'सूरज प्रकास' नांव री महताऊ रचना रा रचनाकार।

करणीदान बारहठ

करणीदान बारहठ

1925 -2002

चावा कवि-लेखक। 'माटी री महक' कथा संग्रै माथै केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार।

कुलदीप सिंह इण्डाली

कुलदीप सिंह इण्डाली

2001

नूवी पीढ़ी रा कवि-लेखक।

कैलाश गिरि गोस्वामी

कैलाश गिरि गोस्वामी

1967

वागड़ी बोली रा कवि-लेखक।

कैलाश मंडेला

कैलाश मंडेला

1966

चावा कवि। मंच री कविता रा सिरै गीतकार।

कैलाशदान कविया

कैलाशदान कविया

1971

शेखावाटी खेतर रा मीठा गीतकार। मंचा माथै न्यारै-निरवाळै अंदाज सूं खास पिछाण।

कवि कल्लोल

कवि कल्लोल

राजस्थान रा सुप्रसिद्ध लोककाव्य 'ढोला मारू रा दूहा' रा रचयिता। जन्म-काल, स्थान, वंश आद रै विषय में जाणकारी रो अभाव।

कविता किरण

कविता किरण

1968

चावी कवयित्री। हिंदी री मंचीय कविता में सुपरिचित नांव।

केशरीलाल स्वामी ‘केशव’
केसरी सिंह सौदा

केसरी सिंह सौदा

1870 -1957

आधुनिक काल रा शुरुआती कवि। डिंगल- पिंगल में समान रूप सूं लेखन। 'दुर्गादास चरित्र', 'प्रताप चरित्र' आद खास रचनावां।

केसोदास गाडण

केसोदास गाडण

1553 -1644

जोधपुर नरेश गजसिंह जी रा किरपा पात्र कवि। 'गजगुण रूपक-बंध' अर 'निसांणी विवेक वारता' नांव री महताऊ रचनावां।

कान्होजी बारहठ

कान्होजी बारहठ

1443 -1523

जांभाणी साहित्य परंपरा रा प्रमुख कवि। भगती अर नीति सूं संबंधित पदों रा रचैता।

किशनदास जी महाराज

किशनदास जी महाराज

1689 -1768

रामस्नेही संत दरियावजी (रैण शाखा) रा प्रमुख शिष्य। भक्ति, नीति अर गुरु महिमा सूं संबंधित लगभग चार हजार पदां रा रचैता।

कील्हजी चारण

कील्हजी चारण

1443 -1503

पंदरवी सदी रा जांभाणी साहित्य रा चावा कवि। भगती,नीति अर ज्ञान संबंधित पद मिळै।

गुमानसिंह शेखावत

गुमानसिंह शेखावत

1946

आठवें दसक रा कवि-गीतकार।

गरीबदास

गरीबदास

1575 -1636

प्रमुख दादूपंथी संत कवि। रचनावां में भगती, नीति, गुरु महिमा, संत जीवण चरित अर दर्शन आद रा पद।

गवरी बाई

गवरी बाई

1759 -1808

वागड़ री मीरां रै नांव सूं ओळखीजै। रचनावां में ज्ञान, भगती अर वैराग री महिमा बताइज्योड़ी है। भाषा राजस्थानी जिण में ब्रज, गुजराती अर संस्कृत रा शब्द भी निंगै आवै।

गिरधर आसिया

गिरधर आसिया

मेवाड़ री धरती सूं सम्बंधित प्रमुख डिंगल कवि। महाराणा प्रताप रा छोटा भाई शक्तिसिंह रे चरित्र माथे 'सगत रासो' नांव सूं चावे ग्रन्थ री रचना करी। रचनाकाल सतारवीं सदी रे लगैटगै।

गोकल जी

गोकल जी

1643 -1733

विश्नोई पंथ सूं संबंधित संत कवि। गुरु महिमा, संशय निवारण अर आत्म निवेदन सूं संबंधित रचनावां।

चेतनदास

चेतनदास

1733 -1777

हाङौती अंचळ सूं रामस्नेही संप्रदाय रा संत कवि। नाम सुमिरन, गुरु महिमा अर आत्म निवेदन री रचनावां खातर चावा।

चतुरसिंह ‘महाराज’

चतुरसिंह ‘महाराज’

२० वीं सदी रा भगत कवि।

चंद बरदाई

चंद बरदाई

चौहान शासक पृथ्वीराज तृतीय सूं सम्बधिंत वीर अर सिणगार रस रै चावै ग्रन्थ 'पृथ्वीराज रासो' रा रचैता। जलम अर रचनाकाल बाबत विद्वानां रा न्यारा न्यारा मत।

चंद्र सिंह बिरकाळी

चंद्र सिंह बिरकाळी

1912 -1992

सिरैनांव कवि। 'लू' अर 'बादळी' जेड़ी राजस्थानी साहित्य री कालजयी पोथियाँ रा सिरजक।

चिमनजी कविया

चिमनजी कविया

अठारवीं सदी रा चावा डिंगल कवि अर विद्वान। 'सोढायण' अर 'हरिजस-मोख्यार्थी' जैड़ी घणी ठावकी रचनावां रा सिरजक।

जग्गा भाट

जग्गा भाट

जोधपुर महाराजा जसवंत सिंह रा कृपापात्र, भाट जाति सूं सम्बंधित। विसर काव्य रा फुटकर दूहों खातर चावा।

जगन्नाथदास

जगन्नाथदास

दादूपंथी संत कवि। अध्यात्म अर गुरु महिमा सूं सम्बंधित रचनावां।

जयसिंह आशावत

जयसिंह आशावत

1955

हाड़ौती अंचल रा चावा लिखारा। राजस्थानी गीत अर दोहां में लगोलग काम। अनुवाद में ई सांवठी भागीदारी ।

जयसिंह चौहान 'जौहरी'
जसनाथ जी

जसनाथ जी

1482 -1506

बीकानेर रै कतरियासर सूं सम्बन्धित संत कवि अर समाज सुधारक। 'जसनाथी संप्रदाय' रा संस्थापक। भगती, नीति अर युग बोध सूं सम्बन्धित रचनावां।

जाडा मेहडू

जाडा मेहडू

मूल नांव आसकरण या महकरण हो पण डील में भारी होवण रै कारण जाडा नांव सूं परसिध।

जान कवि

जान कवि

सूफी संत अर प्रेमाख्यानकार। मूल नांव न्यामत खाँ। 'क्यामखां रासो' ग्रन्थ रा सरजक।

जांभोजी

जांभोजी

1451 -1536

'विश्नोई संप्रदाय' रा प्रवर्तक। रचनावां में सगुण अर निर्गुण दोनूं धारावां रो प्रभाव। लोक में विष्णु रा अवतार अर आधुनिक पर्यावरण वैज्ञानिक रूप में चावा।

ठाकुर गुमानसिंह

ठाकुर गुमानसिंह

1840 -1914

मेवाड़ रा सिरै भगत कवि अर योग साधक। भगती, मीमांसा, योगसार आद रा छंद, पद अर कवित्त खातर चावा।

डूंगरसी रतनू

डूंगरसी रतनू

सतरवीं सदी रा डिंगल कवि। जलम भौम अर समै विषयक जाणकारी रो अभाव। फुटकर डिंगल गीतां खातर चावा।

डेल्हजी

डेल्हजी

1433 -1493

जांभाणी साहित्य रा रचनाकारां मांय खास गिणावणजोग नांव। इणां री 'बुध परगास' अर 'कथा अहमनी' नांव री दो रचनावां मिळै।

ताऊ शेखावटी

ताऊ शेखावटी

1942

राजस्थानी कविता री मंच परम्परा रा मानीता हास्य कवि। प्रबंध काव्य माथै काम।

दूदो विसराल

दूदो विसराल

पन्द्रहवैं सईकै रा कवि। ’राठौड़ रतनसिंह री वेलि’ नामी रचना।

दयाबाई

दयाबाई

1693 -1773

मेवात रा चावा संत चरणदास जी री शिष्या अर भगत कवयित्री। समर्पण अर वैराग सूं सम्बंधित सिरजकां में आगली पांत में आवण वाळो नांव।

दयालदास सिंढायच

दयालदास सिंढायच

1798 -1891

बीकानेर राज्य सूं सम्बंधित इतिहास ग्रन्थ 'दयालदास री ख्यात' रा रचैता।

दलपत बारहठ

दलपत बारहठ

1688 -1765

उदार अर निडर कवि। पिता मार शासक बखतसिंह री निंदा में 'पितामार प्रकास' नांव री रचना लिखी। 'वर्णरक्षा विकार' अर 'चूक पच्चीसी' नांव री अन्य रचनांवा भी मिळै।

दादूदयाल

दादूदयाल

1544 -1603

राजस्थान में निर्गुण भगती धारा रा प्रमुख संत कवि। नरैना, जयपुर में गादी थापित कर'र आपरै नांव माथे दादू पंथ चलायो। नांव सुमिरण, समर्पण अर सर्व धर्म समभाव सूं सम्बंधित पदां खातर चावा।

दीनदयाल ओझा

दीनदयाल ओझा

1929 -2024

चावा लेखक-संपादक। समै-समै पर कविता कर्म ई।

धनंजय वर्मा

धनंजय वर्मा

1932

राजस्थानी रा चावा कवि। 'रूपमाधुरी' नांव स्यूं पोथी प्रकासित।

नरपत आशिया "वैतालिक"

नरपत आशिया "वैतालिक"

1974

चावा कवि-गीतकार। डिंगल में ई लगोलग लेखन।

नवल जोशी

नवल जोशी

1952

चावा कवि। डिंगल में लगोलग लेखन।

नृसिंह राजपुरोहित

नृसिंह राजपुरोहित

राजस्थानी कहाणी नै अलग मोड़ देवणिया कथाकार। केंद्रीय साहित्य अकादमी सूं सम्मानित।

नागरीदास

नागरीदास

1699 -1764

किशनगढ़ रा शासक, मूल नांव सावंत सिंह। भक्ति-भाव री रचनावां करी।

नाथूसिंह महियारिया

नाथूसिंह महियारिया

1891 -1975

मेवाड़ रा राजकवि अर वीर रस रा सिरै कवि रूप चावा। वीर सतसई, हाड़ी शतक, झाला मान शतक आद घण महताउ रचनावां रा सिरजक।

नाथा सांदू

नाथा सांदू

उत्तरमध्यकाल रा डिंगळ कवि।

नारायण दूधाधारी

नारायण दूधाधारी

1622 -1719

मारवाड़ सूं संबंधित प्रमुख दादूपंथी संत कवि। 'नारायण वाणी' नांव री चावी रचना।

नारायण सिंह जोधा

नारायण सिंह जोधा

1932

आधुनिक काल रा डिंगल कवि। हल्दीघाटी युद्ध रा वीर झाला मानसिंह रै पराक्रम ने आधार बनाय'र 'मर्द मकवांण' नांव रै खंड-काव्य री रचना लिखी।

पृथ्वीराज राठौड़

पृथ्वीराज राठौड़

1549 -1600

'पीथल' नांव सूं चावा। बीकानेर महाराजा रायसिंह रा छोटा भाई अर राजस्थानी रा सिरै कवि। वीर, सिणगार अर भगती आद सगळी विधावां में सिद्धहस्त।

पद्मनाभ

पद्मनाभ

जालोर रा चौहान शासक अखैराज रा आश्रित। 'कान्हड़दे प्रबंध' जैड़े चावै ग्रंथ रा सिरजक।

परमानंद बणियाल

परमानंद बणियाल

1693 -1788

विश्नोई पंथ रा सिरै कवि, आत्मज्ञानी, साहित प्रेमी अर सिध्द पुरुष। खुद री कवातावां रै अलावा पुराणा संत कवियां री रचनावां ने आपरी लेखनी सू उकेर'र सहेजी।

परशुराम

परशुराम

निम्बार्क संप्रदाय रा प्रमुख आचार्य अर 17वीं सदी रा ठावका संत कवि। रचनावां पिंगल भाषा में व सगुण-निरगुण विचार परंपरावां सूं समान रूप सूं प्रभावित।

प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित
प्रहलादराय पारीक

प्रहलादराय पारीक

1964

सुपरिचित कवि-लेखक। भासा मान्यता आन्दोलन सूं जुड़ाव।

पवन पहाड़िया

पवन पहाड़िया

1955

सुपरिचित कवि-गजलकार।

पुष्कर 'गुप्तेश्वर'

पुष्कर 'गुप्तेश्वर'

1961

इण सदी रा कवि-लेखक।

फूलीबाई

फूलीबाई

1600 -1700

मारवाड़ रा किसान परिवार सूं सम्बंधित, निर्गुण काव्य धारा री प्रमुख कवयित्री। लोक प्रचलित भाषा मांय दूहा अर पदां री रचना करी। निडर होय खरी अर खारी बातां लिखण खातर चावा।

बखना जी

बखना जी

1623

दादूदयाल रा प्रमुख बावन शिष्यां में सूं एक। कवि अर गायक संत रै रूप में चावा। पदां में सांप्रदायिक सदभाव रो प्रचार अर आत्म ज्योति जगावण माथै बल दियौ।

बृजदासी रानी बांकावती

बृजदासी रानी बांकावती

1703

किशनगढ़ महाराजा राजसिंह री राणी। मूल नांव बृजकुँवारी। कृष्ण भक्ति में आस्था रै पांण 'भागवत' रो राजस्थानी में छन्दोबद्ध अनुवाद करियो। अन्य रचनावां भी मिळै।

बुद्धसिंह हाड़ा

बुद्धसिंह हाड़ा

1695 -1739

बूंदी रा शासक। पिंगल रा रीतिकालीन सिरै आचार्य कवि।

बंशीलाल सोलंकी

बंशीलाल सोलंकी

1996

राजस्थानी रा युवा कवि।

बस्तीमल सोलंकी भीम
बाबूलाल शर्मा

बाबूलाल शर्मा

राजस्थानी रा चावा कवि।

बालकराम

बालकराम

1613 -1693

दादू पंथी संत सुन्दरदास जी (छोटा) रा शिष्य। रचनावां में भक्ति, नीति अर अध्यात्म शिक्षा रै साथै उपदेशां री व्यापकता।

भगवती लाल व्यास

भगवती लाल व्यास

1941

राजस्थानी कविता-जातरा रा सिरैनांव कवि। 'अणहदनाद' कविता संग्रै सारू केंद्रीय साहित्य अकादमी रो सिरै पुरस्कार।

भभूतदान

भभूतदान

जोधपुर महाराजा अजीतसिंह रा आश्रित। स्वाभिमानी प्रवृत्ति रा कवि। आपरी रचनावां में आश्रयदाता री प्रशस्ति कम अर ओळभा ज्यादा लिखिया।

भंवरलाल महरिया 'भंवरो'
भंवरलाल सुथार

भंवरलाल सुथार

1958

इण सदी रा कवि-लेखक। छन्दबद्ध रचनावां लिखण में सक्रिय।

भँवरसिंह सहवाल

भँवरसिंह सहवाल

1937

राजस्थानी रा सांतरा कवि।

भागीरथसिंह भाग्य

भागीरथसिंह भाग्य

1955

चावा कवि-गीतकार। कविता मांय हास्य पुट सारु निरवाळी पिछाण।

मदनसिंह राठौड़

मदनसिंह राठौड़

1989

राजस्थानी रा युवा कवि।

मधुकर गौड़

मधुकर गौड़

1942 -2019

राजस्थानी अर हिन्दी रा सिरैनांव गीतकार अर कवि।

मुनि महनन्दि

मुनि महनन्दि

मध्यकाल रा महताऊ जैन धरम प्रचारक कवि।

मनोहर शर्मा

मनोहर शर्मा

ख्यात साहित्यकार। संपादक रूप ठावी ओळखाण। 'रोहिड़े रा फूल' चावी पोथी।

मनोहर सिंह राठौड़

मनोहर सिंह राठौड़

1948

चावा कहाणीकार। कविकर्म ई साम्ही आवै।

मयाराम

मयाराम

1743 -1823

'विश्नोई संप्रदाय' सूं संबंधित संत कवि। अमावस व्रत री नीति, विधि विधान अर पुण्य सूं संबंधित रचनावां।

महेंद्रसिंह छायण

महेंद्रसिंह छायण

1994

नूवी पीढ़ी रा कवि। 'इण धरती रै ऊजळ आंगण' कविता संग्रै माथे केन्द्रीय साहित्य अकादमी रौ युवा पुरस्कार।

महेश

महेश

चौहान शासक हमीर देव सूं सम्बंधित ग्रंथ 'हमीर रासो' रा रचैता। रचनाकाल अर कवि बाबत अन्य जाणकारी रो अभाव।

मेहा गोदारा

मेहा गोदारा

1483 -1544

राजस्थान रा राम भक्त संत जिका राजस्थानी री पैली रामायण लिखी। इण रौ सम्बंध गुरु जांभोजी रै 'विश्नोई पंथ' सूं है।

महाराजा अजीत सिंह

महाराजा अजीत सिंह

1679 -1724

जोधपुर रा शासक। काव्य रसिक अर परोपकारी राजा रै रूप में चावा। 'गज उद्धार' नांव रै भगती ग्रंथ रा रचैता।

मातुसिंह राठौड़

मातुसिंह राठौड़

नूवी पीढ़ी रा कवि।

मानसिंह

मानसिंह

1600 -1700

मान जति नांव सूं चावा जैन जति (यति)। मेवाड़ महाराणा राजसिंह जी री प्रशस्ति में 'राज विलास' ग्रन्थ री रचना करी। मानसिंह या मान कवि नांव भी सुणन में आवै।

मोड़जी आशिया

मोड़जी आशिया

सिरै डिंगल कवि। लोक नायक 'पाबूजी' सूं सम्बंधित ग्रंथ 'पाबू-प्रकास' प्रसिद्धि रो आधार।

मोहन पुरी

मोहन पुरी

1982

नूवी पीढी रै लिखारां में ठावा कवि-गीतकार। 'अचपळी बातां' अर 'वो देखती है कनखियों से बाट फिर' नांव सूं पोथियां प्रकाशित।

मोहनदास जी

मोहनदास जी

1740 -1819

'मोहन पंथ' रा संस्थापक, अठारवीं सदी रा पुग्योड़ा महापुरुष अर संत कवि।

रज्जब जी

रज्जब जी

1567 -1690

बालपणै रो नाम रज्जब अली खाँ। परणीजण ने जावता समै दादूजी रै प्रभाव मे आय'र वैरागी बणिया अर उमर भर बींद वेश में रैया। रचनावां में राजस्थानी अर इस्लामिक साधनां रा शब्दां री अधिकता।

रतन सिंह चांपावत

रतन सिंह चांपावत

1969

इण सदी रा कवि-लेखक।

रूपदास

रूपदास

1553 -1606

रामस्नेही संप्रदाय री शाहपुरा शाखा सूं सम्बंधित। हाड़ौती अंचल रा प्रमुख संत कवि। रचनावां में घणकरी भगती, नीति अर गुरु महिमा रै भाव री।

रेवतदान चारण कल्पित

रेवतदान चारण कल्पित

1924 -1997

ख्यात कवि अर समाजवादी। जनकवि रै रूप में पिछाण। 'इंकलाब री आंधी' अर 'लिछमी' कविता उलेखणजोग।

राजेंद्र स्वर्णकार

राजेंद्र स्वर्णकार

1959

चावा गीतकर। मंचां माथै मीठै कंठा सूं खास पिछाण।

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'
राजेराम बेनीवाल

राजेराम बेनीवाल

1933 -2018

अलक्षित पण चावा कवि।

रामदास जी

रामदास जी

1727 -1798

रामस्नेही संप्रदाय री खैड़ापा शाखा रा संस्थापक अर सिरै भगत कवि। ज्ञान गरीमा, चेतावणी रा पद अर साखियां रा रचैता।

रामसिंघ सोलंकी
रामसिंह सोलंकी

रामसिंह सोलंकी

1926 -2006

राजस्थानी भासा री डिंगळ काव्य-सैली रा सिरमौर कवि।

रामाराम चौधरी

रामाराम चौधरी

1999

नूवी पीढ़ी रा कवि-लेखक।

लक्ष्मणदान कविया

लक्ष्मणदान कविया

चावा कवि-संपादक। 'सतसई लेखन' में खास सक्रिय।

लालनाथ जी

लालनाथ जी

जसनाथी संप्रदाय रा चावा संत कवि। आत्मानुभूति री मर्म वेदना सूं संबंधित साखियां अर पदां रा रचैता।

विनोद सारस्वत

विनोद सारस्वत

1967

राजस्थानी रा चावा कवि।

वीरदास बीठू

वीरदास बीठू

'रंगरेलो बीठू' रै नांव सूं चावा। आपरी रचनावां में धाट अर जैसाणा छैतर री अबखायां ने उकेरी।

वीरभाण रतनू

वीरभाण रतनू

1688

'राजरूपक' जेड़ै ऐतिहासिक महत्त्व अर ऊंचे दरजे रा काव्य ग्रंथ रा रचैता। कच्छ-भुज पाठशाला सूं काव्य-शास्त्र री भणाई करियोड़ा। डिंगल अर पिंगल दोन्यू धारावां रा पारंगत कवि।

वील्होजी

वील्होजी

1532 -1616

'विश्नोई संप्रदाय' रा प्रमुख संत कवि। जांभोजी री शिक्षावां रो प्रचार-प्रसार करता थका जोधपुर रे रामड़ावास गाँव में समाधि ली।

शक्तिदान कविया

शक्तिदान कविया

1940 -2021

राजस्थानी साहित्य रा सिरमौड़। कई महताऊ ग्रंथां रो संपादन।

शंकर दान चारण

शंकर दान चारण

1985

नूवी पीढ़ी रा कवि-लेखक।

शारदा कृष्ण

शारदा कृष्ण

1957

सिरैनांव कवयित्री-संपादक।

शिवदास गाडण

शिवदास गाडण

गागरौन रा शासक अचलदास खिची रा राजकवि। 'अचलदास खिची री वचनिका' जैड़ी महताऊ रचना रो सिरजण जिणमें अचलदास अर मांडू रा सुल्तान रै बीचे होयोड़ै युद्ध रो ओजस्वी वरणाव। वचनिका शैली री रचनावां में अचलदास खिची री वचनिका भाव, भाषा अर मौलिकता रै पांण राजस्थानी साहित्य में 'मील रो पत्थर' मानिजै।

शिवबक्ष पाल्हावत

शिवबक्ष पाल्हावत

1844 -1899

अलवर शासक मंगलसिंह रा आश्रित कवि। खड़ी बोली में अलवर रो इतिहास लिख्यो। 'वृन्दावन शतक' अर 'अलवर री खट रितु झमाल' आद चावी रचनावां।

शिवराज भारतीय

शिवराज भारतीय

1972

चावा कवि। राजस्थानी री समकालीन कविता मांय आपरी ठावी जिग्यां।

सज्जन लाल बैद

सज्जन लाल बैद

1943

सुपरिचित कवि-लेखक।

संत केसोदास

संत केसोदास

1588 -1679

गुरु जाम्भोजी री परंपरा रा संत वील्होजी रै सात महताऊ शिष्यां में ज्ञान विद्या में सैं सूं निपुण। राजस्थानी लोगां रै सामाजिक जीवण अर संस्कृति रो रोचक बखाण इणां री रचनावां में देखण ने मिळै।

संत चरणदास

संत चरणदास

1703 -1781

राजस्थानी संत साहित्य रा उजळा रत्न, मेवात क्षेत्र रा ख्यात संत कवि अर 'चरणदासी संप्रदाय' रा प्रवर्तक। सगुण अर निर्गुण दोनूं तरै रे ब्रह्म रा उपासक। साहित्य में भी निर्गुण उपासना सागै सगुण साधना री झलक निंगै आवै।

संत दरियाव जी

संत दरियाव जी

1676 -1758

'रामस्नेही संप्रदाय' री रैण शाखा रा प्रवर्तक। घणकरी रचनावां निर्गुण निराकार राम री साधना अर गुरु महिमा सूं सम्बंधित; साथै ही आत्मसाक्षात्कार जनित अनुभवां ने साखीयों अर पदों में व्यक्त करिया है।

संत पीपाजी

संत पीपाजी

जलम नाम प्रताप सिंह। खीची राजवंश सू सम्बंधित अर गागरौन रा शासक। रामानंद जी सूं दीक्षा लेयर राजस्थान मांय निर्गुण भक्ति परंपरा री शुरुआत करी। दरजी समुदाय रा आराध्य रे रूप में पूजीजे।

संत यशोधर

संत यशोधर

मध्यकाल रा चावा जैन संत

संत सुखरामदास

संत सुखरामदास

1726 -1816

दादूपंथी लालदासजी सूं दीक्षित, समाज सेवी अर संत कवि। रचनावां में घणकरी निर्गुण भक्ति रा पद अर वाणियाँ।

संतोष कुमार पारीक

संतोष कुमार पारीक

1983

नूवी पीढ़ी रा रचनाकर। छंद रै प्रति सजग।

सुंदरदास जी

सुंदरदास जी

1596 -1689

दादूजी रा शिष्य अर निर्गुण संत कवियों में सैं सूं ज्यादा शास्त्रज्ञानी व काव्य कला निपुण संत कवि। योग अर अद्वैत वेदांत रा समर्थक। काव्य रीतियों सूं आछी तरै परिचित रस सिद्ध कवि।

समरथदान

समरथदान

उत्तर मध्यकाल रा डिंगल कवि। फुटकर दूहों रे अलावा कवि सूं सम्बंधित खास जाणकारी रो अभाव।

सरदार सिंह

सरदार सिंह

1723 -1758

बनेड़ा (मेवाड़) रा शासक। कवि हृदय अर संगीत मर्मज्ञ। 'सुर-तरंग' नाम रा प्रमुख संगीत ग्रन्थ रा रचैता।

सूर्यमल्ल मीसण

सूर्यमल्ल मीसण

1815 -1868

बूंदी रा राजकवि। 'वीररसावतार' रे रूप में चावा। डिंगल में ओज सूं ओतप्रोत 'वीर सतसई' अर पिंगल में 'वंश भास्कर' जैड़े वृहद ग्रंथ रा रचनाकार। 'राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी' रो सिरै पुरस्कार इणां रे नांव माथै देइजै।

स्वामी आत्माराम

स्वामी आत्माराम

1759

'निरंजनी संप्रदाय' रा चावा संत कवि। भगती, नीति, अध्यात्म अर गुरु महिमा सूं संबंधित रचनावां।

स्वामी देवादास जी

स्वामी देवादास जी

1754 -1787

रामस्नेही संत संप्रदाय रै महात्मा रामचरण जी रा प्रमुख शिष्य। रचना संसार घणो लूंठो, 'अणभै बाणी' नाम सूं संकलित-प्रकाशित।

स्वामी रुघनाथदास

स्वामी रुघनाथदास

'निरंजनी संप्रदाय' सूं संबंधित अठारवीं सदी रा संत कवि। गुरु कीरत अर भगति भाव रा पदां खातर चावा।

स्वामी रामचरण

स्वामी रामचरण

1719 -1798

'रामस्नेही संप्रदाय' री शाहपुरा शाखा रा प्रवर्तक। मूरति पूजा रा विरोधी। साखी, सवैया, चंद्रायणा, झूलणा, कवित्त, कुंडलियां, रेखता आद छन्दां में भगती, नीति अर अध्यात्म रा पद रचिया।

स्वामी स्वरूपदास देथा

स्वामी स्वरूपदास देथा

1801 -1864

डिंगल, पिंगल, संस्कृत रा प्रकाण्ड पंडित अर वेदान्त रा प्रखर जाणकार। 'पाण्डव यशेंदु चन्द्रिका' नांव री चावी रचना जो कि राजस्थानी महाभारत कहिजै।

सहजो बाई

सहजो बाई

1725 -1805

'चरणदासी पंथ' रा संस्थापक चरणदास जी री शिष्या अर मेवात छैतर सूं संबंधित चावी संत कवयित्री।

सांईदीन दरवेश

सांईदीन दरवेश

उत्तर मध्यकाल रा चावा संत कवि। सूफ़ी मत अर वेदांत सूं प्रभावित। काव्य में अफंड, आडंबर, धेख आद माथै प्रहार रै साथै सांप्रदायिक सद्भावना रौ सुभग संदेश।

सावित्री डागा

सावित्री डागा

1938 -2020

सुपरिचित लेखिका।

साहबराम राहड़

साहबराम राहड़

1814 -1891

गत सदी रा सिद्ध, अनुभवी, ज्ञानी-ध्यानी अर पूगता संत कवि। गुरु जांभोजी रै जीवन अर विश्नोई पंथ रै इतिहास पर आधारित महताऊ आख्यान काव्य 'जम्भ सार' रा सिरजक।

सोढी नाथी

सोढी नाथी

अमरकोट रे राणा भोज री बेटी अर जैसलमेर राज घराणा री बहू। मीरां बाई सूं प्रभावित भगवान कृष्ण रा अनन्य भगत व पश्चिमी राजस्थान री सिरै भगत कवयित्रियों में सूं एक।

सौभाग्यसिंह शेखावत

सौभाग्यसिंह शेखावत

1924

राजस्थानी रा चावा कवि।

हरजी भाटी

हरजी भाटी

बाबा रामदेवजी रै भगति परंपरा रा अनुभवी अर पूग्योड़ा ज्ञानी-ध्यानी संतकवि। प्रसिद्धि रौ आधार 'बाबा रामदेव रौ ब्यावलो' महाकाव्य।

हरदान हर्ष

हरदान हर्ष

चावा कवि-गद्यकार।

हरदास मीसण

हरदास मीसण

मध्यकालीन डिंगल कवियां री पांत में आगीवाण नाम। भाषा प्रांजल डिंगल। 'जालंधर पुराण' अर 'भृंगी पुराण' नांव री दो प्रमुख रचनावां मिलै।

हरसुख धायल

हरसुख धायल

नूवी पीढ़ी रा कवि-गीतकर। फिलमां सारू काम-काज।

हरिदास निरंजनी

हरिदास निरंजनी

1455 -1543

निरंजनी संप्रदाय रा संस्थापक। डकैतपणौ छोड़'र संत बणिया इण कारण कलियुग रा वाल्मिकी बाजै। घणकरा भजन अर पदां री रचना भगती, नीति, चेतावणी अर महात्म्य सूं संबंधित।

हिम्मत सिंह उज्जवल