Anjas

दूहा

राजस्थानी भासा रै मांय वीर अर दानी पुरूसां खातर घणकरां दूहा लिख्या गया। ओ मात्रिक छंद है। दूहे रै पैले अर तीजे चरण में तेरह अर दूजे अर चौथे चरण में इग्यारा मात्रावां हुवै, इण साथै सोरठे छंद रो उलटो हुवै।

कुंदन सिंह 'सजल'

कुंदन सिंह 'सजल'

इण सदी रा कवि-लेखक।

करणीदान कविया

करणीदान कविया

जोधपुर महाराजा अभयसिंह जी रा प्रमुख दरबारी कवि। 'सूरज प्रकास' नांव री महताऊ रचना रा रचनाकार।

करणीदान बारहठ

करणीदान बारहठ

1925 -2002

चावा कवि-लेखक। 'माटी री महक' कथा संग्रै माथै केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार।

कुलदीप सिंह इण्डाली

कुलदीप सिंह इण्डाली

2001

नूवी पीढ़ी रा कवि-लेखक।

कैलाश गिरि गोस्वामी

कैलाश गिरि गोस्वामी

1967

वागड़ी बोली रा कवि-लेखक।

कैलाश मंडेला

कैलाश मंडेला

1966

चावा कवि। मंच री कविता रा सिरै गीतकार।

कैलाशदान कविया

कैलाशदान कविया

1971

शेखावाटी खेतर रा मीठा गीतकार। मंचा माथै न्यारै-निरवाळै अंदाज सूं खास पिछाण।

कवि कल्लोल

कवि कल्लोल

राजस्थान रा सुप्रसिद्ध लोककाव्य 'ढोला मारू रा दूहा' रा रचयिता। जन्म-काल, स्थान, वंश आद रै विषय में जाणकारी रो अभाव।

कविता किरण

कविता किरण

1968

चावी कवयित्री। हिंदी री मंचीय कविता में सुपरिचित नांव।

केशरीलाल स्वामी ‘केशव’
केसरी सिंह सौदा

केसरी सिंह सौदा

1870 -1957

आधुनिक काल रा शुरुआती कवि। डिंगल- पिंगल में समान रूप सूं लेखन। 'दुर्गादास चरित्र', 'प्रताप चरित्र' आद खास रचनावां।

केसोदास गाडण

केसोदास गाडण

1553 -1644

जोधपुर नरेश गजसिंह जी रा किरपा पात्र कवि। 'गजगुण रूपक-बंध' अर 'निसांणी विवेक वारता' नांव री महताऊ रचनावां।

कान्होजी बारहठ

कान्होजी बारहठ

1443 -1523

जांभाणी साहित्य परंपरा रा प्रमुख कवि। भगती अर नीति सूं संबंधित पदों रा रचैता।

किशनदास जी महाराज

किशनदास जी महाराज

1689 -1768

रामस्नेही संत दरियावजी (रैण शाखा) रा प्रमुख शिष्य। भक्ति, नीति अर गुरु महिमा सूं संबंधित लगभग चार हजार पदां रा रचैता।

कील्हजी चारण

कील्हजी चारण

1443 -1503

पंदरवी सदी रा जांभाणी साहित्य रा चावा कवि। भगती,नीति अर ज्ञान संबंधित पद मिळै।