Anjas

दूहा

राजस्थानी भासा रै मांय वीर अर दानी पुरूसां खातर घणकरां दूहा लिख्या गया। ओ मात्रिक छंद है। दूहे रै पैले अर तीजे चरण में तेरह अर दूजे अर चौथे चरण में इग्यारा मात्रावां हुवै, इण साथै सोरठे छंद रो उलटो हुवै।

चेतनदास

चेतनदास

1733 -1777

हाङौती अंचळ सूं रामस्नेही संप्रदाय रा संत कवि। नाम सुमिरन, गुरु महिमा अर आत्म निवेदन री रचनावां खातर चावा।

चतुरसिंह ‘महाराज’

चतुरसिंह ‘महाराज’

२० वीं सदी रा भगत कवि।

चंद बरदाई

चंद बरदाई

चौहान शासक पृथ्वीराज तृतीय सूं सम्बधिंत वीर अर सिणगार रस रै चावै ग्रन्थ 'पृथ्वीराज रासो' रा रचैता। जलम अर रचनाकाल बाबत विद्वानां रा न्यारा न्यारा मत।

चंद्र सिंह बिरकाळी

चंद्र सिंह बिरकाळी

1912 -1992

सिरैनांव कवि। 'लू' अर 'बादळी' जेड़ी राजस्थानी साहित्य री कालजयी पोथियाँ रा सिरजक।

चिमनजी कविया

चिमनजी कविया

अठारवीं सदी रा चावा डिंगल कवि अर विद्वान। 'सोढायण' अर 'हरिजस-मोख्यार्थी' जैड़ी घणी ठावकी रचनावां रा सिरजक।