Anjas

दूहा

राजस्थानी भासा रै मांय वीर अर दानी पुरूसां खातर घणकरां दूहा लिख्या गया। ओ मात्रिक छंद है। दूहे रै पैले अर तीजे चरण में तेरह अर दूजे अर चौथे चरण में इग्यारा मात्रावां हुवै, इण साथै सोरठे छंद रो उलटो हुवै।

लक्ष्मणदान कविया

लक्ष्मणदान कविया

चावा कवि-संपादक। 'सतसई लेखन' में खास सक्रिय।

लालनाथ जी

लालनाथ जी

जसनाथी संप्रदाय रा चावा संत कवि। आत्मानुभूति री मर्म वेदना सूं संबंधित साखियां अर पदां रा रचैता।