Anjas

दूहा

राजस्थानी भासा रै मांय वीर अर दानी पुरूसां खातर घणकरां दूहा लिख्या गया। ओ मात्रिक छंद है। दूहे रै पैले अर तीजे चरण में तेरह अर दूजे अर चौथे चरण में इग्यारा मात्रावां हुवै, इण साथै सोरठे छंद रो उलटो हुवै।

विनोद सारस्वत

विनोद सारस्वत

1967

राजस्थानी रा चावा कवि।

वीरदास बीठू

वीरदास बीठू

'रंगरेलो बीठू' रै नांव सूं चावा। आपरी रचनावां में धाट अर जैसाणा छैतर री अबखायां ने उकेरी।

वीरभाण रतनू

वीरभाण रतनू

1688

'राजरूपक' जेड़ै ऐतिहासिक महत्त्व अर ऊंचे दरजे रा काव्य ग्रंथ रा रचैता। कच्छ-भुज पाठशाला सूं काव्य-शास्त्र री भणाई करियोड़ा। डिंगल अर पिंगल दोन्यू धारावां रा पारंगत कवि।

वील्होजी

वील्होजी

1532 -1616

'विश्नोई संप्रदाय' रा प्रमुख संत कवि। जांभोजी री शिक्षावां रो प्रचार-प्रसार करता थका जोधपुर रे रामड़ावास गाँव में समाधि ली।