Anjas

दूहा

राजस्थानी भासा रै मांय वीर अर दानी पुरूसां खातर घणकरां दूहा लिख्या गया। ओ मात्रिक छंद है। दूहे रै पैले अर तीजे चरण में तेरह अर दूजे अर चौथे चरण में इग्यारा मात्रावां हुवै, इण साथै सोरठे छंद रो उलटो हुवै।

पृथ्वीराज राठौड़

पृथ्वीराज राठौड़

1549 -1600

'पीथल' नांव सूं चावा। बीकानेर महाराजा रायसिंह रा छोटा भाई अर राजस्थानी रा सिरै कवि। वीर, सिणगार अर भगती आद सगळी विधावां में सिद्धहस्त।

पद्मनाभ

पद्मनाभ

जालोर रा चौहान शासक अखैराज रा आश्रित। 'कान्हड़दे प्रबंध' जैड़े चावै ग्रंथ रा सिरजक।

परमानंद बणियाल

परमानंद बणियाल

1693 -1788

विश्नोई पंथ रा सिरै कवि, आत्मज्ञानी, साहित प्रेमी अर सिध्द पुरुष। खुद री कवातावां रै अलावा पुराणा संत कवियां री रचनावां ने आपरी लेखनी सू उकेर'र सहेजी।

परशुराम

परशुराम

निम्बार्क संप्रदाय रा प्रमुख आचार्य अर 17वीं सदी रा ठावका संत कवि। रचनावां पिंगल भाषा में व सगुण-निरगुण विचार परंपरावां सूं समान रूप सूं प्रभावित।

प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित
प्रहलादराय पारीक

प्रहलादराय पारीक

1964

सुपरिचित कवि-लेखक। भासा मान्यता आन्दोलन सूं जुड़ाव।

पवन पहाड़िया

पवन पहाड़िया

1955

सुपरिचित कवि-गजलकार।

पुष्कर 'गुप्तेश्वर'

पुष्कर 'गुप्तेश्वर'

1961

इण सदी रा कवि-लेखक।