Anjas

दूहा

राजस्थानी भासा रै मांय वीर अर दानी पुरूसां खातर घणकरां दूहा लिख्या गया। ओ मात्रिक छंद है। दूहे रै पैले अर तीजे चरण में तेरह अर दूजे अर चौथे चरण में इग्यारा मात्रावां हुवै, इण साथै सोरठे छंद रो उलटो हुवै।

बखना जी

बखना जी

1623

दादूदयाल रा प्रमुख बावन शिष्यां में सूं एक। कवि अर गायक संत रै रूप में चावा। पदां में सांप्रदायिक सदभाव रो प्रचार अर आत्म ज्योति जगावण माथै बल दियौ।

बृजदासी रानी बांकावती

बृजदासी रानी बांकावती

1703

किशनगढ़ महाराजा राजसिंह री राणी। मूल नांव बृजकुँवारी। कृष्ण भक्ति में आस्था रै पांण 'भागवत' रो राजस्थानी में छन्दोबद्ध अनुवाद करियो। अन्य रचनावां भी मिळै।

बुद्धसिंह हाड़ा

बुद्धसिंह हाड़ा

1695 -1739

बूंदी रा शासक। पिंगल रा रीतिकालीन सिरै आचार्य कवि।

बंशीलाल सोलंकी

बंशीलाल सोलंकी

1996

राजस्थानी रा युवा कवि।

बस्तीमल सोलंकी भीम
बाबूलाल शर्मा

बाबूलाल शर्मा

राजस्थानी रा चावा कवि।

बालकराम

बालकराम

1613 -1693

दादू पंथी संत सुन्दरदास जी (छोटा) रा शिष्य। रचनावां में भक्ति, नीति अर अध्यात्म शिक्षा रै साथै उपदेशां री व्यापकता।

भगवती लाल व्यास

भगवती लाल व्यास

1941

राजस्थानी कविता-जातरा रा सिरैनांव कवि। 'अणहदनाद' कविता संग्रै सारू केंद्रीय साहित्य अकादमी रो सिरै पुरस्कार।

भभूतदान

भभूतदान

जोधपुर महाराजा अजीतसिंह रा आश्रित। स्वाभिमानी प्रवृत्ति रा कवि। आपरी रचनावां में आश्रयदाता री प्रशस्ति कम अर ओळभा ज्यादा लिखिया।

भंवरलाल महरिया 'भंवरो'
भंवरलाल सुथार

भंवरलाल सुथार

1958

इण सदी रा कवि-लेखक। छन्दबद्ध रचनावां लिखण में सक्रिय।

भँवरसिंह सहवाल

भँवरसिंह सहवाल

1937

राजस्थानी रा सांतरा कवि।

भागीरथसिंह भाग्य

भागीरथसिंह भाग्य

1955

चावा कवि-गीतकार। कविता मांय हास्य पुट सारु निरवाळी पिछाण।