Anjas

दूहा

राजस्थानी भासा रै मांय वीर अर दानी पुरूसां खातर घणकरां दूहा लिख्या गया। ओ मात्रिक छंद है। दूहे रै पैले अर तीजे चरण में तेरह अर दूजे अर चौथे चरण में इग्यारा मात्रावां हुवै, इण साथै सोरठे छंद रो उलटो हुवै।

मदनसिंह राठौड़

मदनसिंह राठौड़

1989

राजस्थानी रा युवा कवि।

मधुकर गौड़

मधुकर गौड़

1942 -2019

राजस्थानी अर हिन्दी रा सिरैनांव गीतकार अर कवि।

मुनि महनन्दि

मुनि महनन्दि

मध्यकाल रा महताऊ जैन धरम प्रचारक कवि।

मनोहर शर्मा

मनोहर शर्मा

ख्यात साहित्यकार। संपादक रूप ठावी ओळखाण। 'रोहिड़े रा फूल' चावी पोथी।

मनोहर सिंह राठौड़

मनोहर सिंह राठौड़

1948

चावा कहाणीकार। कविकर्म ई साम्ही आवै।

मयाराम

मयाराम

1743 -1823

'विश्नोई संप्रदाय' सूं संबंधित संत कवि। अमावस व्रत री नीति, विधि विधान अर पुण्य सूं संबंधित रचनावां।

महेंद्रसिंह छायण

महेंद्रसिंह छायण

1994

नूवी पीढ़ी रा कवि। 'इण धरती रै ऊजळ आंगण' कविता संग्रै माथे केन्द्रीय साहित्य अकादमी रौ युवा पुरस्कार।

महेश

महेश

चौहान शासक हमीर देव सूं सम्बंधित ग्रंथ 'हमीर रासो' रा रचैता। रचनाकाल अर कवि बाबत अन्य जाणकारी रो अभाव।

मेहा गोदारा

मेहा गोदारा

1483 -1544

राजस्थान रा राम भक्त संत जिका राजस्थानी री पैली रामायण लिखी। इण रौ सम्बंध गुरु जांभोजी रै 'विश्नोई पंथ' सूं है।

महाराजा अजीत सिंह

महाराजा अजीत सिंह

1679 -1724

जोधपुर रा शासक। काव्य रसिक अर परोपकारी राजा रै रूप में चावा। 'गज उद्धार' नांव रै भगती ग्रंथ रा रचैता।

मातुसिंह राठौड़

मातुसिंह राठौड़

नूवी पीढ़ी रा कवि।

मानसिंह

मानसिंह

1600 -1700

मान जति नांव सूं चावा जैन जति (यति)। मेवाड़ महाराणा राजसिंह जी री प्रशस्ति में 'राज विलास' ग्रन्थ री रचना करी। मानसिंह या मान कवि नांव भी सुणन में आवै।

मोड़जी आशिया

मोड़जी आशिया

सिरै डिंगल कवि। लोक नायक 'पाबूजी' सूं सम्बंधित ग्रंथ 'पाबू-प्रकास' प्रसिद्धि रो आधार।

मोहन पुरी

मोहन पुरी

1982

नूवी पीढी रै लिखारां में ठावा कवि-गीतकार। 'अचपळी बातां' अर 'वो देखती है कनखियों से बाट फिर' नांव सूं पोथियां प्रकाशित।

मोहनदास जी

मोहनदास जी

1740 -1819

'मोहन पंथ' रा संस्थापक, अठारवीं सदी रा पुग्योड़ा महापुरुष अर संत कवि।