संत पीपाजी
जलम नाम प्रताप सिंह। खीची राजवंश सू सम्बंधित अर गागरौन रा शासक। रामानंद जी सूं दीक्षा लेयर राजस्थान मांय निर्गुण भक्ति परंपरा री शुरुआत करी। दरजी समुदाय रा आराध्य रे रूप में पूजीजे।
जलम नाम प्रताप सिंह। खीची राजवंश सू सम्बंधित अर गागरौन रा शासक। रामानंद जी सूं दीक्षा लेयर राजस्थान मांय निर्गुण भक्ति परंपरा री शुरुआत करी। दरजी समुदाय रा आराध्य रे रूप में पूजीजे।
आज धूप में छाँव है
भजत दुख मोचन करण
भरकत पद अछेतता
चाह नहीं जिन दरस की
चतुराई चूले पड़ौ
छिम दया हिवड़े नही
जहाँ पड़दा तही पाप
जे कोई मूरख आलसी
जीव मारि जीमण करै
ज्यों दिव जरै पतंगड़ा
कूंजा ज्यों कुरल्या करै
मन डोले दस दीस में
मन पंछी तन पींजरा
मनसा वाचा करमणा
मणि न तजै भुजंगड़ो
माया अंग न परसिये
पैला गुरू कूं परखलू
पाप न छानों रह सके
परमारथ के कारणै
पीपा भजतां राम ने
पीपा देर न कीजिये
पीपा डूबण ना डरया
पीपा गुरू हरि एक है
पीपा जिनके मन कपट
पीपा के पिंजरि बस्यो
पीपा कूके कूंकड़ो
पीपा मन हरख्यौं फिरै
पीपा मन तो ब्यावलौ
पीपा माया नागणी
पीपा पलक दयाल की
पीपा पाप न कीजिये
पीपा पारस परसताँ
पीपा परमेस्वर तणाँ
पीपा विधवा स्त्री
सगुण मीठौ खांड सौ
साँच मंत्र तो राम भज
सत भाख्या जग जात है
सत रा विध कर थामियो
उठ भाग्यो वाराणसी