समरथदान Marwar उत्तर मध्यकाल रा डिंगल कवि। फुटकर दूहों रे अलावा कवि सूं सम्बंधित खास जाणकारी रो अभाव।
भम भम दुरगै भाखरां धन धरती आ मरधरा धन रजपूती आसवत रखवाळी कर राज री समौ तौ पलटण सील व्है तन मन सूं त्यागी