नारायण दूधाधारी
मारवाड़ सूं संबंधित प्रमुख दादूपंथी संत कवि। 'नारायण वाणी' नांव री चावी रचना।
मारवाड़ सूं संबंधित प्रमुख दादूपंथी संत कवि। 'नारायण वाणी' नांव री चावी रचना।
बादल बरसे व्योम नहीं
बहुत भेष बहु संप्रदा
बैद हरै तन की व्यथा
भली सुसंगति ह्वै भला
भांडे सब भूंडे भले
दीपक बुझै सो देखिले
घंटा झालरि जब घड़ी
गिणै नहीं पंडित गुणी
ज्ञान सहित बैराग तो
ज्यूं आयो त्यूं जाइगो
कथा अनेक कहो सुनो
नारायण औ वशि नहीं
नारायण दूजौ नहीं
नारायण गुरु सम नहीं
नारायण कोई स्वप्न में
और करे सु अज्ञान है
प्रसन्न आप दूजो प्रसन्न
सुख दुख आवे सहज में
सुमिरण सेवा सन्त की