आसराव रतनू
पंदरहवै सईकै रा नामचीन कवि। जैसलमेर रावळ दुर्जनसाल रा समकालीन अर सहयोगी।
पंदरहवै सईकै रा नामचीन कवि। जैसलमेर रावळ दुर्जनसाल रा समकालीन अर सहयोगी।
आद अनादि उपाविया
अंतेवर पूछाड़ियो
अंतेवरै कहावियो
आवटियो एकोहटा
कोट तणै छळ वंस छळ
कोट तणै छळ वंस छळ
दांतूसळ हसती तणा
ढोवै ढूक न सक्किया
दूसळ अनियै देवरज
दूदो कहै तिलोकसी
एक सु तत्तै संग्रहै
हाड़ां हूं चावळ हुवा
हिंदू कोट न छांडही
जे कर काटां दाहिणो
जे सोढ़ी सिर कापियो
जेसळमेर दुरंग गढ़
जेतो भुंय गोळा वहै
मड्ड हुवा आयो मुगल
नीसांणै घाव वाजिया
ओ मारै ऊ मोकळै
परवांणो पतसाहरौ
रावळ अन परतावियो
रावळ अंग निसंग कर
रावळ भुरज पधारियौ
रावळ जमहर रच्चियौ
रावळ जमहर राचियो
सांम ज संबाहै करै
सातळ सोह हमीर दे
सुधन भंडारां निठ्टियो
सूंडाळा-घड़ सांमही
तेलोचन तेही-वदन
तो बैठै मैं सारिया
ऊसस्सै नै सासियो
ऊपड़िया पतसाह-दळ
वैर सनेही वाळियो