आसराव रतनू
पंदरहवै सईकै रा नामचीन कवि। जैसलमेर रावळ दुर्जनसाल रा समकालीन अर सहयोगी।
पंदरहवै सईकै रा नामचीन कवि। जैसलमेर रावळ दुर्जनसाल रा समकालीन अर सहयोगी।
राजस्थानी चारण कवेसरां माथै अजै कोई विशेष काम नीं हुयो। इणसूं अनेक कवियां रो साहित्येतिहास जनमानस रै साम्हीं नीं आयो।ऐड़ा ई एक कवि है आसरावजी रतनू।
आसराव रतनू पंदरहवैं सईकै रै नामचीन कवियां में गिणीजै। आपरौ जलम जैसलमेर रै गांव सिरुवै में हुयो। जैसलमेर रावळ दुर्जनसाल अर घड़सी रा समकालीन आसरावजी इण दोनां रा अनन्य सहयोगी हा। एक कवि रै सागै-सागै आप जोधा ई हा अर जैसलमेर शासकां रै सागै हरोळ में जुद्ध कियो।
जैसलमेर साकै रा महानायक दुर्जनसाल माथै रचित आपरा छंद घणा चावा है। ऐ छंद अनूप संस्कृत पुस्तकालय बीकानेर में संग्रहीत है। इण रै अलावा नैणसी ई आपरी ख्यात में इण छंदां नै संदर्भ रै रूप में दिया है। रावळ दूदा री वीरता, अदम्य साहस अर स्वाभिमान रै सागै सागै उणरो ऊजळियो इतिहास इण कृति में समाहित है। इण कारण उण समय रै जीवनमूल्यां अर संस्कृति रै सागै सागै समाज अर राज प्रमाणिक वरणाव कवि इण कृति में कियो है। रावळ दूदा रै जीवण री महताऊ घटनावां रो विगतवार वरणाव है तो साथै ई जैसलमेर रै भाटियां री सीमाड़ै री रक्षार्थ प्रदर्शित वीरता रो लेखोजोखो ई इण कृति में है।